Book Title: Samyaktva Mul Bar Vratni Tip
Author(s): Udyotsagar Gani
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 5
________________ अनुक्रमणिका. to Mmm Mur . . . . . . . . विषय. मंगलाचरणना दोहा. .... .... .... .... .... सम्यक्त्वव्रतस्वरूपं. प्रथम सम्यक्त्वखरूपं. ... व्यवहारथी शुद्ध देवतत्व श्रीअरिहंतजीनुं लक्षण. अढार दोषनां नाम, श्रीअरिहंतजीना चार निदेपा. निश्चयश्री शुद्ध देवतत्वनुं लक्षण, .... .... व्यवहारथी शुद्ध गुरुतत्वनुं लक्षण. निश्चयथी शुझगुरुतत्व लक्षण, व्यवहार शुद्धधर्मर्नु लदाण. निश्चयगुरूधर्मर्नु लदाण. मिथ्यात्व लक्षण, अनेक नेदसहित. निश्चयसम्यक्त्वनुं स्वरूप. निश्चयधर्मनुं स्वरूप. .... .... देराशरनी सहोटी दश आशातनानां नाम. सम्यक्त्वानी करणीनु स्वरूप. .... .... .... .... सम्यक्त्वव्रतना पांच अतिचारनुं स्वरूप, बबिमिनां नाम तथा स्वरूप. .... .... चार श्रागारनुं स्वरूप. .... .... .... प्रथम स्थूल प्राणातिपातविरमणव्रत स्वरूपं. अव्य अने नावथी स्वरूप. आकुटी, दर्प, प्रमाद ने कल्पहिंसातुं स्वरूप. .... श्रावकने सवा विश्वानी दयानुं स्वरूप. .... or or Asus ZPRPBERR . . . .

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