________________
बीकानेर-परिचय
बीकानेर-राज्य की चौहही इस प्रकार है:-उत्तर-पश्चिमबहावज्ञ
पुर, दक्षिण-पश्चिम जैसलमेर, दक्षिण-मारवाड़, दक्षिण-पूर्व जयपुर, शेखावाटी, पूर्व में लाहोर-हिसार । यहाँ २३३१५ वर्गमील स्थान है। इस शहर को राठौड़वंशी राजा पीका ने सन् १४३९ ई० में वसाया था। बीकानेर, राजपताने में प्रसिद्ध देशी रजवाड़े की राजधानी मरुभूमि (रेतीली जमीन) में है, यह शहर पत्थर के साढ़े तीन मील लम्वे परकोटे से घिरा है, जिस में ५ फाटक हैं और तीन ओर खाई है।
बीकानेर के कूए ३०० से४०० फुट तक गहरे हैं, यहाँ वर्षा बहुत कम होती है, लोग वर्षा का पानी कुंडों में (एक प्रकार का छोटासा तालाव) भरलेते हैं, जो प्रायःप्रत्येक मकान में बने हुये हैं
और सालभर तक इसी पानी को काम में लाते हैं । बीकानेर राज्य भर में एक भी नदी नहीं है, परन्तु अब एक नहर वर्तमान बीका-, नेर-नरेश ने बहुत रुपया खर्च करके पंजाब के दरिया से बीकानेर राज्य में निकलवाई है। मनुष्य संख्या के अनुसार बीकानेर राजपताने में चौथे नम्बर का शहर है । सन् १९३१ की मर्दुमशुमारी. में बीकानेर राज्य की जैन जन-संख्या २९७७३ रही। बीकानेरराज्य में भी कितने ही जैन-मन्दिर हैं, जिनका उल्लेख स्थानामाव, के कारण नहीं किया गया है।