Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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उकलणो ( १३४ )
उखाड़णो उकलणो-(क्रि०) १. सूझना । सूझ होना। सूखे हुए नदी या तालाब में खोदा जाने
फूरना । २. दिमाग में आना । उपजना। वाला खड्डा । ३. ( लिखावट आदि का ) स्पष्ट पढ़ा उकेल-(न०) १. परिणाम । निकाल । जाना।
२. उपाय । रास्ता । सुलझाव ।३. सूझ । उकळणो-(क्रि०) १. प्रौटना । उबलना। समझ । ४. उलझी हुई बात को सुलझाने
२. अकुलाना । उकताना। ऊबना। की यक्ति । समाधान । ३. क्रोध करना। ४. भीषण रूप धारण उकेलणो-(क्रि०) १. उरझी हुई बात को करना।
सुरझाना । २. सुलझाना। ३. गूच उकळतो काळजो-(न0) व्याकुल चित्त। निकालना ।। उकळाट-दे० उकळाटो।
उक्त-(वि०) १. उपरोक्त । कथित । उकळाटो-(न०) १. क्रोध । २. संताप । २. उल्लिखित ।
३. घाम । ४. गरमी। ५. दमघुट । उक्ति-(ना०) १. कथन । २. वाक् चातुर्य । ६. उफान । उबाल ।
३. शब्द लालित्य । ४. चमत्कारपूर्ण
वाक्य । उकस-(ना०) १. जोश । २. क्रोध । प्रज्वलन । २. उत्तेजन ।
उख-(न0) बैल । उकसणो--(क्रि०) १. जोश में आना।
उखड़णो--(क्रि०) १. जड़ सहित निकल २. क्रोध करना । २. उत्तेजित होना।
प्राना। २. अलग होना। सटा हुआ न
रहना। ३. नौकरी का छूट जाना । पदउकसारणो-(क्रि०) उकसाना । उभारना ।
नयत होना । ४. क्रोध करना । तैयार करना।
उग्वगारगो-(क्रि०) १. उठाकर ले जाना। उकसावरगो-दे० उकसाणो ।
२. भार उठाना । ३. शस्त्र उठाना । उकंबरणो-(क्रि०) सिर को ऊँचा उठाना ।
उखगारगो-(क्रि०) बोझा उठवाने में सहाउकाळ-(न0) उबाल ।
यता करना । बोझा उठवाना। उकाळरणो - (क्रि०) उबालना ।
उख-(ना०) औषधि । उकाळी-(ना०) उबाली हुई काष्ठादि ।
-(ना०) उबाला हुई काष्ठादि उखरड़ो-दे० उकरड़ो । औषधियों का पानी। औषधियों का
उखराळी-(वि०) १. वाण (रस्सियाँ) उबाला हुआ रस । जोशांदा । काढ़ा।
टूट कर ढीली बनी हुई (खाट)। टूटीउकाळो-(न०) १. उबाल । उफान ।।
फूटी (खाट)। २. जिस पर बिस्तर नहीं २. काढ़ा । क्वाथ ।
बिछा हो । बिना बिस्तर की (खाट) उकासरगो--(क्रि०) १. अधिक प्रकाशमान
(ना०) कुतिया की धुरी । करना । २. प्रज्वलित करना । ३. दीपक उखलणो-(क्रि०) १. अपने स्थान से की बत्ती को ऊपर खिसकाना । बत्ती को अलग होना । उखड़ना। २. परस्पर । और बाहर निकालना। ४. उत्तेजित चिपटी हुई वस्तुओं का अलग होना । करना। ५. उभारना। ६. हैरान करना। उखा-(ना०) गाय । तंग करना
उखाड़णो--(क्रि०) १. किसी गड़ी या जमी उकीरो-(न0) गोबर का एक कीड़ा। हुई वस्तु को बाहर निकालना। २. अलग उकील-(न०) वकील ।
करना। हटाना। ३. नौकरी से दूर उकेरी-(ना०) पानी प्राप्त करने के लिये करना । पदच्युत करना। ४. नष्ट करना।
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