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गुढ़ी
गुरसित्तर
गुढ़ी- १ देखो 'गुढ़ौ' । २ देखो 'गुडी' ।
गुणचाळी, (स)-वि० चालीस से एक कम. उनचालीस । -पु. गुढ़ र-पु० एक फूल विशेष ।
तीस व नौ की संख्या, ३६ । गुढ़ी-पु० १ रक्षास्थल । २ छोटा गांव । ३ रहस्य । गुणचाळ' सौ, गुणचाळी-पु० [सं० ऊनचत्वारिंशत्] उनचालीस गुढ़-१ देखो 'गूढ़' । २ देखो 'गुडी' ।
का वर्ष। गुणंतर-वि० सत्तर से एक कम, उनहत्तर । -पू० साठ व गुणचास गुणपचास-वि० [सं० ऊनपंचाशत पचास से एक नौ की संख्या, ६९।
कम, उनपचास । -पु० चालीस व नौ की संख्या, ४६ । गुणंतरी-पु० उनहत्तर का वर्ष ।
गुणचासौ, गणपचासौ-पु० उनपचास का वर्ष । गुण-पु० [सं०] १ किसी वस्तु या जीव का अच्छा स्वभाव धर्म | गुणणी-स्त्री० [सं० गुरणनी] छात्रों द्वारा बोली जाने वाली एक या लक्षण, विशेषता । २ निपुणता । ३ कला या विद्या ।
से सौ तक की गिनती। ४ असर, प्रभाव । ५ सदाचार, शील। ६ एहसान । | गुणणी (बी)-क्रि० [सं० गुणन् १ समझना, समझ लेना । ७ उपकार, भलाई । ८ आदत, प्रकृति, सिफत ।
२ विचार करना, ध्यान करना । ३ मनन करना। ४ गुणा ९ श्रेष्ठता । १० नामवरी. प्रतिष्ठा । ११ रस्सी, डोरी।
करना । ५ वर्णन करना । ६ बोलना । ७ गुनगुनाना । १२ धनुष की प्रत्यंचा । १३ बाजे की डोरी। १४ नस ।
८ बखान करना । ९ अनुभव प्राप्त करना । १० पालन १५ सांख्य के अनुसार सत्व, रज व तम तीन गुण ।
करना, निभाना । ११ पुनरावृत्ति करना । १६ तीन की संख्या *। १७सत की बत्ती । १८ ज्ञानेन्द्रिय । गणती, (स)-वि० [सं० ऊनत्रिशत्] तीस से एक कम, १९ नीति के अनुसार राजा के छः गुण । २० त्याग, वैराग्य। उनतीस । -पु० बीस व नो की संख्या, २६ । २१ भीम की उपाधि । २२ मित्र । २३ काव्य, कविता ।। गुरगतीसो-पु० उनतीसवां वर्षे । २४ प्रशस्ति काव्य । २५ यश, कीर्ति । २६ डिंगल का गीत | गुणद-वि० [सं०] गुणदायक । या छन्द । २७ दासी, परिचायिका । २८ रूप, स्वरूप. | गुणदा-स्त्री० हल्दी । प्राकार । २६ लगाम,बल्गा ।-वि० १ अति तीक्ष्ण । २ बड़ा, गुणन-पु० [सं०] १ गुणा । २ गिनती । -फल-पु० गुणा गुरु । -प्रतीत-वि० गुण रहित, निर्गुण । -पु० ईश्वर, |
करने पर आने वाली संख्या, परिणाम । ब्रह्म। -प्राकर-पु० इन्द्रिय। -कर कारक, कारी-वि० गुणनिल-वि० गुणवान । लाभदायक, गुणकारी, सार तत्त्व। -पु० पाक शास्त्री। गुणनेऊ--वि० नब्बे से एक कम । -पु० अस्सी व नौ की भीम ।-गाथ गाथा-स्त्री० कीर्तिगान । प्रशंसा। -गाळ- संख्या, ८६ । वि० कृतघ्न । -ग्राहक, पाही-वि० गुणीजनों का आदर गणनेवी-पु० नब्बासी का वर्ष । करने वाला, कदरदान । --चोर-वि० कृतघ्न । -जोड़ो- गुणपंचासि-देखो 'गुणचास' । पू० कवि । कीतिगान करने वाला। -निधान, निधि-वि० गुणपत. (पति. पती, पत्त)-देखो 'गणपति'। गुणवान सर्वगुण सम्पन्न । विद्वान । -माळ, माळा-स्त्री० | गुणयल-पु० [सं० गुरिणकल] चन्द्रमा । काव्य, कविता। -रासि-पू० चन्द्रमा । गुणों का भण्डार। गुणवणौ बौ)-क्रि० विचार करना, मनन करना। ---वंत, वान-वि० गुणी. विद्वान. पंडित ।-सारण, सागर- | गुणवरदान-पु० गगेश, गजानन । वि० गुणवान । श्रेष्ठ । .....हीण, होण, हीणो-वि० गुण | गुणवांण (न)-वि० गुणवान, गुणी। रहित. निर्बुद्धि, मूर्ख । कृतघ्न ।
गुणवाचक-वि० [सं०] गुणों की प्रशंसा करने वाला। -स्त्री. गरणक-पु० [सं०] १ गुरगा करने का अंक। २ गुणा करने
एक प्रकार की संज्ञा । वाला।
गणवाद-पु० [सं०] मीमांसा के अर्थवाद का एक भेद ।
गुणवेलड़ी-स्त्री० गुणलता । गणगरण, गुणगुणाहट-स्त्री० गुनगुनाने की ध्वनि ।
गुणसठ-देखो 'गुणसाठ'। गुणगुणारणी, (बौ)-क्रि० मन ही मन कुछ बोलना, गाना,
गुणसठौ-देखो 'गुण साठी' । गुनगुनाना।
गुणसाठ-वि० [सं० ऊनपष्ठि] साठ से एक कम। -स्त्री. गुणग्य, (ग्याता)-वि० [सं० गुणज] गुणवान ।
पचास व नौ की संख्या, ५९ ।। गणग्यांन-पु० इन्द्रिय।
गणसाठी-पु० उनसठ का वर्ष । गुणग्रांम-वि० [सं० गुणग्राम] सद्गुणों की खान । विद्वान । गुणसित्तर-वि० [सं० ऊनसप्तति] सत्तर से एक कम । -पु. साठ चतुर ।
वनौ की संख्या, ६९ ।
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