Book Title: Mananiya Lekho ka Sankalan
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 32
________________ तो ये था विश्व धर्म परिषदों का संक्षेप में इतिहास, उसके उद्देश्य और उन उद्देश्यों में अब तक की कार्यवाही और सफलता का इतिहास। इसी श्रृंखला में एक विश्व धर्म की स्थापना हेतु चली गई एक चाल पर ध्यान दें। ईसाई धर्म के एक बिशप को स्वप्न आता है कि विश्व के सभी धर्म एक हों। टाईम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर, (जिसका हिन्दी अनुवाद नीचे दिया है) को ध्यान से पढ़ें। "बिशप का स्वप्न, विश्व के धर्म एक हों" (पी. पी. मथाई द्वारा) टाइम्स ऑफ इंडिया की समाचार सेवा कोट्टायम, २२ फरवरी १९९६ केलिफोर्निया के एपिस्कोपल चर्च के बिशप विलियम ई. स्वींग ने 'यूनाइटेड नेशन्स' संस्था की ही तरह 'युनाइटेड रिलिजियन्स ऑर्गेनाइझेशन' नामक संस्था की रचना का सुझाव दिया है। एशिया के ईसाईयों के सबसे बड़े सम्मेलन - १०१ वां 'मारामोन कन्वेशन' - जिसकी पूर्णाहुति हाल ही में हुई, में बोलते समय बिशप विलियम ने विश्व के सभी धर्मों को एक छत्र के नीचे लाने की अपने स्वप्न की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मार्च महीने के मध्य तक वे भारत में रहेगें व भारत के विविध धर्मगुरुओं का इस मुद्दे पर . साथ व सहकार प्राप्त करेंगे। वे कांची कामकोटी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य, दलाई लामा, मदर टेरेसा, डॉ. करणसिंह तथा जैन व सिख धर्म के धर्मगुरुओं से मिलेगें। बिशप स्विंग ने, जो इस स्वप्न को साकार करने के विषय में कृत संकल्प हैं, इस बात को 'ईश्वरी संकेत' बतलाया है, जिसकी प्रेरणा उन्हें लगभग ढाई वर्ष पूर्व हुई। युनो के चार्टर पर दस्तखत किये जाने की ५० वीं वर्षगांठ को मनाने के अवसर पर 'यूनाइटेड नेशन्स' के पदाधिकारियों को दिये जा रहे रात्रि भोज की सभा के दौरान उन्हें इस बात की प्रेरणा हुई। उनके इस विचार को रोनाल्ड रीगन (तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति) तथा मिखाईल गोर्बाचेव (तत्कालीन रशियन राष्ट्रपति) ने भी समर्थन दिया था। अभी तक वे करीब ४० विविध धर्मों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर चुके हैं। इस विचार के मूल में विश्व के सभी धर्मों का सहअस्तित्व है। मानव अधिकारों व मानवों के बीच की असमानताओं के प्रश्नों की चर्चा धर्म की परिधी में रह कर होनी चाहिये। अपने इस विचार पर और स्पष्टीकरण देते हुए बिशप ने बताया कि विचारों का आदान-प्रदान होना चाहिये तः, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहकार होना चाहिये। बिशप पाकिस्तान, खाड़ी के देशों तथा यूरोप के देशों के प्रवास की योजना बना रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अगले वर्ष के अंत तक वे 'यूनाइटेड रिलिजियन्स' के चार्टर का मसौदा तैयार कर लेगें। इस विषय पर वे पोप तथा एन्टीओक के पितामह का सहकार भी प्राप्त करेगें । उन्होंने आशा व्यक्त की कि 'यूनाइटेड रिलिजियन्स' की छत्रछाया में सभी धर्म एक दूसरे के प्रति आदरभाव रखते हुए भाई-चारे की भावना से व्यवहार करेगें।" उपरोक्त समाचार के गर्भ में क्या है ? यह समझना जरुरी है। (30) For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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