Book Title: Mahimna Stotra Tika
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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रेवपरमेश्वरप्रमाणम् अनुमानंत्वनुकूलं तर्कमात्रम् श्रते स्वातंत्र्येणप्रमाणमितिद्रष्टव्यम् हरिपक्षे प्येवम् 6 एवंतावत्भगवहिमुरवान्निरस्यसर्वेषांशास्त्रप्रस्थानानाभगवत्येवतात्पर्यसाक्षात्परंपरया तिवदन्स्तोति त्रयीति हेअमरवर नानासंकीर्णाःपंथानःनानापंथानःऋजवश्वकुटिलाश्चऋजु कुटिलाःऋजुकुटिलाश्वतेनानापथाश्चेतिऋजुकुटिलनानापथाः तान्जुषतेभजनीति तथातेषी त्रयीसारव्यंयोगःपशपतिमतंवैष्णवमितिभिन्नेप्रस्थानेपरमिदमदःपथ्यमितिच नृणाअधिकार्यनधिकारिसाधारणानांतत्तत्साधनानुष्ठानेःसाक्षात्परंपरयात्वमेवएकोगम्यःमा प्यः नवन्यःकश्चिदित्यर्थः अत्रदृष्टांतमाह पयसामर्णवश्व यथाऋजुपथजुषांगंगानर्मदादीनांस क्षादेवसमुदःप्रायः यथावाकुरिलपथजुषांयमुनाशरवादीनांगंगादिप्रवेशद्वारापरंपरया एवंवे | दांतवाक्यश्रवणमननादिनिष्ठानांसाक्षातलंपाप्यःअन्येषांतअंतःकरणशहितारतम्येनपरंपर। % 3D% 3D For Private and Personal Use Only

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