Book Title: Mahendrakumar Jain Shastri Nyayacharya Smruti Granth
Author(s): Darbarilal Kothiya, Hiralal Shastri
Publisher: Mahendrakumar Jain Nyayacharya Smruti Granth Prakashan Samiti Damoh MP

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Page 603
________________ प्रकाशित जैनग्रन्धम्रन्थकारमें सूचित जैनग्रन्थग्रन्थकारमें सूचित प्रकाशित जैनग्रन्थमन्थकारमें सूचित प्रकाशित प्रकाशित जैनग्रन्थग्रन्थकारमें सूचित प्रकाशित जनग्रन्थग्रन्थकारमें २० : म महेन्द्रकुमार केन न्यायाचार्य स्मृति-ग्रन्थ मल्लिषेण ( १४ वीं) स्याद्वादमञ्जरी सोमतिलक (वि० १३९२) षड्दर्शनटीका राजशेखर ( १५ वीं) स्याद्वादकलिका रत्नाकरावारिका पञ्जिका षड्दर्शनसमुच्चय न्यायकन्दलीपञ्जिका ज्ञानचन्द्र (१५ वीं) रत्नाकरस्वतारिकाटिप्पण जयसिंहसूरि ( १५ वीं) न्यायसारदीपिका मेरुतुङ्ग षड्दर्शननिर्णय ( महेन्द्रसूरि शिष्य ) ( १५ वीं) गुणरत्न (१५ वीं) षड्दर्शनसमुच्चयकी तर्करहस्यदीपिका भुवनसुन्दरसूरि ( १५ वी) परब्रह्मोत्थापन लघु-महाविद्याविडम्बन सत्यराज जल्पमंजरी सुधानन्दगणिशिष्य (१६ वीं) साधुविजय ( १६ वीं) वादविजयप्रकरण हेतुदर्शनप्रकरण सिद्धान्तसार (१६ वी ) दर्शनरत्नाकर दयारत्न (१७ वीं) न्यायरत्नावली शुभविजय ( १७ वीं) तर्कभाषावार्तिक स्याद्वादमाला भावविजय (१७वीं) षड्विशत्जल्पविचार विनयविजय ( १७ वीं) नयकणिका षट्त्रिंशत्जल्पसंक्षेप यशोविजय (१८वीं) अष्टसहस्रीविवरण अनेकान्तव्यवस्था ज्ञानबिन्दु ( नव्यशैलीमें) जैनतर्कभाषा देवधर्मपरीक्षा द्वात्रिंशत् द्वात्रिंशतिका, धर्मपरीक्षा नयप्रदीप नयोपदेश नयरहस्य जैनग्रन्थग्रन्थकारमें प्रकाशित जैनग्रन्थग्रन्थकारमें प्रकाशित जैनग्रन्थ ग्रन्थकारमें प्रकाशित प्रकाशित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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