Book Title: Madhyamdiniya Mantrasamhita
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobafirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir हामिप्पुजाभ्यः // 5 // अयम्पुरश्चाहिश्श्वत्यचास्तस्स्युचक्षु र्वैश्श्वव्यचुसंवर्षाश्चाक्षुष्ष्योजगतीवार्षीजगत्त्याऽऋक्सममृक्समा लाच्छुक्र शुक्रात्त्सप्तदशः सप्तदशाद्वैरूप मदग्निर्ऋषिष्प्रजापतिश गृहीतयात्वयाचक्षुर्गृह्णामिष्णुजाभ्यः // 6 // इदमुत्तुरात्त्स्वस्त / स्स्युश्श्रोत्रर्छसौवर्छशुरच्छीन्यनुष्टुप्पशारधनुष्टुभऽऐडमडान्मुन्थी / मुन्थिन एकविठुशऽएकविठेशाद्वैराजम्वुिश्श्वामित्र ऋषिः प्रजाप तिगृहीतयात्वयाश्श्रोत्रगृह्णामिष्णजाब्भ्यः॥ 7 // इयमुपरिमति / स्तस्स्यैवाङ्मात्याहेमन्तोवाच्यः पुतिहैमुन्तीपङ्कचैनिधनवन्निध / / For Private And Personal

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