Book Title: Jain Lekh Sangraha Part 1
Author(s): Puranchand Nahar
Publisher: Puranchand Nahar
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संवत्
लेखांक संवत्
नाम
लेखांक २४८८
१५३६
जिनसमुद्र सू०
१४१२
नाम Vखरतर गच्छ।
जिनचंद्र सू० हरिप्रभगणि मोदमूर्तिगणि हर्षमूर्ति गणि जिनराज सू०
१५३७ १५४८
७३५ २२०
१५५१
४६३
जिनहंस सू०
१५५३ १५५८ १५६० १५६३
४४७
१४३८ १४४१ १४५६ १४६६ १४७६ १४८४ १४६५ १४६७ १५०३
जिनवद्धन सू० जिनभद्र सू०
२८६
१८७ ४६६६३
१५६८
१५७६ १५७६
जिनचन्द्र सू०
७८०
१६५७
१५०४
939
१६६१
१५०७ १५०६ १५११ १५१२
१६६८
२१४१४७३।७६७ ५०६।७३।७३३
१२१
४७० १२६७५६
४७
५२३ ७२३ १३५ ७७३ 389
१६७६
जिनरत्न सू० जिनराज सू०
जिनचन्द्र सू०
१६७७
१७११७८५/७८७
१५२७
उ. अभयधर्म
૨૭
૧૯૮૮
१५१६ १५२८ १५२९ १५३२ १५३४ १५३५
" १०३३१८६२१५२२९७१४१६
२१८१६९०
२८ १०७ ४४५
जिनराज सू० उ. कमल लाम पं० लब्धकीर्ति पं० राजहंस
५६२

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