Book Title: Jain Katha Ratna Kosh Part 01
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 9
________________ . अस्व.पुस्तकस्यानुक्रमणिका. ---> SO तिहां प्रथम सिंदूरप्रकराज्यग्रंथची अनुक्रमणिका. क्रमांक. विषय.. पृष्ठांक. १ पहेलां श्लोकमा मंगलाचरण तथा सांचलनाराने घाशीर्वाद. १ २ बीजा काव्यमी सङनपुरुषोप्रत्ये. ग्रंथकर्तानी विज्ञप्ति. .... ३ ३ त्रीजा काव्यमा आगमांनुसारें जव्यजिवने हितोपदेश. .... । ४ धर्मने विषे प्रमाद न करवा आश्रयी ललितांग कुमरनी कथा. ५ चोथा काव्यमां मनुष्यनवनुं उर्लनपणुं वखाण्युं . .......... १६ ६ मनुष्यनचना. पुर्जनपणाविषे दश दृष्टांतनी दश कथा. .... १७ ७ पांचमा काव्यमां मनुष्यनवनो सर्वोत्कृष्ट. जय कंह्यो . .... ३१ ण्ड काव्यमांसंसारना विषयमाटेधर्मनो त्याग करनार मूढनुं लक्षण.३५ ए मूढ अमूढ उपर शशी अने सूर वे नाश्वनी कथा.. ... .... ३४ १० सातमा काव्यमां मनुष्यजन्मनुं तथा धर्मसामग्रीमुं. कुर्लनपएं. ११ श्रांउमा काव्यमा ए ग्रंथमां कहेला उपदेशनां हारो कह्यां . ३६ १२ नवमाथी बारमा श्लोकमां श्रीतीर्थकरनी लक्किनु वर्णन ..... ३७ १२ तेरमाथी शोलमा श्लोकोमा गुरुनी जुक्तिनु वर्णन . .... ५४ १४ कुबोधना विदलन करनार श्रीगुरु ले ते उपर सूर्यानदेवनी कथा. ४७ १५ गुरुसेवा. करनार उपर श्रीगौतमस्वामीनी कथा. .... .... १६ सत्तरमाथी वीशमा श्लोकोमा जिनमत तथा सिद्धांतमाहात्म्य. १७ सितश्रवण उपर सेहिणीया चोरनी कथा. .... ... .... १७ एकवीशथी चोवीशमा काव्य पर्यतसंघनो महिमा को बे. १ए श्रीसंघमहिमा उपर जरतचक्रवर्तीनी कथा. ...... .. .... २० पच्चीशथी अजवीशमा श्लोकमां हिंसानो निषेध कह्यो बे..... २१ जीवदयानी उपर दामनकनी कथा कही . .... .... २२ गणत्रीशथी बत्रीशमा श्लोकोमा सामु. बोलवानो प्रनाव..... २३ सत्यवचन उपर वसुराजानी कथा कही . ... .... .... २४ तेत्रीशथी बत्रीशमा श्लोकमां अदत्तादानव्रत स्वरूप ने. .... ७५ . U ७० G ३

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