Book Title: Jain Katha Ratna Kosh Part 01
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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अनुक्रम लिका
२.
२५ प्रदत्तव्रत उपर नांगदत्तनी कथा.
८
१
•
१६ साडत्रीशथी 'चालीशमा श्लोकीमां ब्रह्मचर्यनुं स्वरूप. २७ एकतालीशथी चुम्मालीशमा लोकपर्यंत परिग्रहना दोष कह्या बे. ए६ २० परिग्रह विषे मम्मोवनी, कथा..... १७ पीस्तालीशथी उगएणपञ्चाशमा काव्यमां कोनो . जय कह्यो बे. १०२ ३० क्रोध त्यागनी उपर गजसु कुमारंनी. कां.' ३१ गणपञ्चाथ त्रेपनमां काव्योमा मानना दोष कह्या डे. .... १०० ३२ मानना त्याग उपर नंदीषेानी कथा.
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३३ त्रेपनथी उपन्नमा काव्योमां मायानो त्याग कह्यो बे...... ३४ सत्तावन्नथी शावमा काव्यसुधी लोननो त्याग कह्यो बे. ... ३५ लोचनी उपर सागरशेठनी कथा कही बे. ३६ एकरातथी चोशर्तमा काव्योमां सौजन्यता राखवानो उपदेश बे. १२३ ३७ सौजन्य डंपर विक्रमराजानी कथा कही बे. ३० पांसवयी डशमा काव्योमां गुणीजनता संगनुं वर्णन .....१३१ ३० सारा नरसानी' संगतं उपर बे पोफ्टनी कथा..... ४० उगलोतेरथी बहोंतेरमा काव्यसुधी इंडियजयनी उपदेश.
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४१ इंडियदमन पर मात्यकीनी कथा. ४२ होंतेरथी होंतेरमा काव्यसुधी लक्ष्मीनो स्वभाव कह्यो बे...... ४३ लक्ष्मीनी चंचलता विषे सुंदरराजानी कथा. ४४ सत्त्योतेरथी एंशीमा कांव्योमां दानंनो उपदेश बे. ४५ दान पूजा विषे अमरसेन वीरसेननी कथा. ४६ एकाशीथी चोराशीमा काव्योमां तपमो उपदेश बे. ४७ तप लषर वसुदेवना जीव नंदीषेानी कथा. ४० पञ्चाशीमाथी हाशीमां काव्योमां शुननावनो उपदेश बे. ४९ नेष्याशी थी बांस्मा काव्यीमां वैराग्य दर्शाव्यो बे....... ५० वैराग्यनी उपर सनत्कुमारनी कथा कही बे.
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५१ त्राणुथी अणुमा काव्यसुधी सामांन्य उपदेश को बे. ५२ नवीमा काव्यमां ग्रंथनुं समर्थन करयुं बे. ५३ सोमा काव्यमा प्रशस्ति करीने ग्रंथ समाप्त करयो बे.....
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