Book Title: Jain Arti Sangraha
Author(s): ZZZ Unknown
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 6
________________ मंत्र जपो नवकार मनवा मंत्र जपो नवकार मनवा मंत्र जपो नवकार मंत्र जपो नवकार मनवा, मंत्र जपो नवकार पाँच पदों के पैंतीस अक्षर, हैं सुख के आधार हैं सुख के आधार मनवा, हैं सुख के आधार मंत्र जपो नवकार मनवा, मंत्र जपो नवकार 9 नवकार मंत्र ॐ नमो अरिहंताणं । ॐ नमो सिद्धाणं । ॐ नमो आयरियाणं । ॐ नमो उवज्झायाणं । ॐ नमो लोएसव्वसाहूणं ऐसोपंच नमोक्कारो सब्व पावप्पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिं, पढमं हवई मंगलं । प्राकृत | णमो अरिहंताणं | णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो | मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं अर्थ अरिहंतो को नमस्कार हो। सिद्धों को नमस्कार हो। आचार्यों को नमस्कार हो। उपाध्यायों को नमस्कार हो।. लोक के सर्व साधुओं को नमस्कार यह णमोकार महामंत्र सब पापो का नाश करने वाला तथा सब मंगलो मे प्रथम मंगल है।

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