Book Title: Gujarat na Aetihasik Lekho Part 01
Author(s): Girjashankar Vallabh Acharya
Publisher: Farbas Gujarati Sabha

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Page 292
________________ २२४ गुजरातना ऐतिहासिक लेख अक्षरान्तर' पतरूं पहेलुं. १ ओं स्वस्ति [1] विजयस्कन्धावारा[ त् ]खे[ 7 ] कवासका[ त् ]प्रसभप्रणतामित्राणां मैत्रकाणांमतुलबलसंपन्नमण्डलामोगसंसक्तप्रहारशतलब्धप्रतापात्प्र तापोपनतद[1]नम[ ना]२ जवोपार्जितानुरागादनुरक्तमौंलभृत[ : ]श्रेणीबल[T]वाप्तराज्यश्रिय परममाहेश्वरश्रीभट[1]र्कादव्यवच्छिन्नराजवश[T]-मातापितृचरणारविन्द]प्रणतिप्रविधौताशेष३ कल्मषः शैशवात्प्रभृति खड्गाद्वि[ ती ]यबाहुरेव समदपरगजघटास्फोट[नप्र] काशित सत्वनिकषस्तत्प्रभावप्रणतारातिचूडारत्नप्रभासंसक्तपादनखरश्मिसंहतिस्स४ कलस्मृतिप्रणी[ त मत्ति सम्यक्परिपालनप्रजाहृदयरञ्जनान्वर्थराजशब्दो रूपकान्तिस्थैर्यगाम्भीर्य्यबुद्धिसंपद्भिःस्मरशशा[ क ] द्विराजोदधित्रिदशगुरुधने शानतिशय[1]५ नःशरणागताभयप्रदानपरतया तृणवदपास्ताशेषस्वकार्यफल[ : ]प्रार्थनाधिका र्थप्रदानानन्दितविद्वत्सुहृत्प्रणयिहृदयःपादच[T]रीव सकलभुवनमण्डलामोग६ प्रमोदःपरममाहेश्वरःश्रीगुहसेनस्तस्य सुतस्तत्पादनखमयूखसन्तानविसृतजाह्नवीज लौघप्रक्षालिताशेषकल्मषः प्रणयिशतसहस्रोपजीव्यमानसम्पद्रू७ पलोभादिवाश्रितःसरभसमाभिगा[ मि ]कैर्गुणैस्सहजशक्तिशिक्षाविशेषपिस्मा पिताखिलधनुर्द्धरःप्रथमनरपतिसमतिसृष्टानामनुपालयिता धर्मदायानामप[T]८ [ कर्ता ] प्रजोपघातकारिणामुपप्लवानादर्शयिता श्रीसरस्वत्योरेकाधिवासस्य संह तारातिपक्षलक्ष्मीपरिभोगदक्षविक्रमो विक्रमोपसंप्राप्तविमलपात्थिवश्रीः ९ परममाहेश्वरःश्रीधरसेनस्तस्य सुतस्तत्पादानुढ्यातः सकलजगदानन्दनात्यद्भुतगुण समुदयस्थगितसमग्रदिङमण्डलःसमरशतविजयशोभासनाथ१० मण्डलाग्रद्युतिभासुरतराङ्सपीठोदुढगुरुमनोरथमहाभ[1]रः सर्वविद्यापर[1]पर विभागाधिगमविमलमतिरपि सर्वतःसुभाषितलवेनापिसुखो११ पपादनीयपरितोषः समग्रलोकागाधगाम्भीर्यहृदयोपि सुचरितातिशयसुव्यक्तपरमक ल्याणस्वभाव[ : ]खिलीभूतकृतयुगनृपतिपथ[ वि ]शोघनाधिगतो १. हुशनी छ।५ ५२थी. २ वित ३१ छे. ३ वाया मैत्रकाणाम. ४ वांया वंशा ५ वांया सत्त्व पायी मार्ग. ७ पाया विस्मापिता. ८ वांया भासुरतरांसपीठोदूढ. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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