Book Title: Gora Badal Padmini Chaupai
Author(s): Hemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan
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________________ कवि हेमरतन कृत [खंड जइ' तुम्हि आव्या' मुझ घरि वही, तर अनुराँ घरि जाश' नहीं। सुभट तणउ ए नही संकेत, अस्त्री देइ नइ लीजइ जेत्र // 392 // वरि' मरिचर्ड मुभटाँ नई भलउ', "जिणि परि तिणि परि करिवउ किलउ। अस्त्री देइ नई लीजइ राई ! सुभट' न थाप" एहवउ दाउ // 393 // जाण्या सुभट वडा' जूझार, अस्त्री देइ नइ ल्यइँ भरतार / ते जीवी नइ करिशई किनु, जिने काम आलोच्यु इतुं" // 394 // पदमिणि जंपद'-"गोरा ! सुण, इणि' घरि छाजइ ए मत्रंणः / सिरिखइ-सिरिख सगले थाइ, भीत पखे" नवि चित्र लिखाइ // 395 // भीति' सदाइ झालइ भार, त्राटी बलिनइ थावइ छार' / बीजा ऊभा मुंक्या सही. तहुं तुझ घरि आवी वही // 396 // . ॥कवित्त // तुं हिज गई गोरिल्ल तुं हिज दल माहे वह। तुं हिज गई' गोरिल्ल ! तुं हिज मोरा प्रिय अड्डउ / तुं हिज गउ गोरिल्ल ! तुं हिज दल वीडउँ झल्लइ / सुणि राउत गोरिल्ल"! नारि पदमावती बुल्लई' / // 392 // 1 जे BCDEI 2 तुम्ह NCE) 3 आया / 4 तो DE | 5 जास्यो BO, जासौ DB | 6 तणो CDR | 7 नारी DE, दे नइ B (देवनि , देई DE) लेसी BC (लीजै D, कीजैE) जेत्त D (जेत ) / // 393 // 1 वर BCD, वलि / 2 मरवो CE, मरवा / / ३नुभटाँ नई BC, सुभटा नै D, रजपूताँ / 4 भलो CE, भली D / 5 जिण परि तिण परि BCD करिवो CD..., आम्हो सांम्हो करिवो किलो। 6 स्त्री RCE | 7 देवने DE | 8 लीजई B, लेजई, लीजै DE | 9 राव | 10 सकज E / 11 थायइ Bc, थापै DE | 12 एहवो , एहवी D, एह / 13 कुदाव। E544 * / // 394 // 1 भला BCD | 2 स्त्री देई नह ले भरतार BC, राणी दे लेस्यै भरतार D, राणी दियै लियै सरदार / / 3 करिस्यइँ BC | 4 किस्यउ BC | 5 जेणे RcI ६आलोच्य B, आलोच्यो / DE में द्वितीय अर्द्धाली नहीं है। // 395 // 1 जपई B / 2 राउत BCD | 3 मुणो / 4 एणि / 5 मंत्रियो / 6 सरिखइ BC, सरि D / 7 सरिखो CDI 8 सगल , सगलै D / 9 थाय DI 10 भींति BODI 11 पवई BD, पखै / 12 किम BCDI D में प्रथम चरण नहीं है और E में सम्पूर्ण चौपई नहीं है। D 469 / // 396 // 1 भीति BCDE | 2 सदाही BOD, सदा लगि / 3 झालै D / 4 त्राटां बलिनई (बलिनै थापै D) थावई... BCD, त्राटी बलि जलि थाये...।। 5 मेल्ह्या B, मेल्या , मेल्हा D, मेल्ही / 6 तो CDE | 7 तुम्ह BCDE | A 380 / / 436 / 0 445 / / 471* / E549* / * इणि D (इण E) बुधि DR सारु D (सारै E) खोयो DE राय D (राव ) / हिवै गढ पदमिणि खोसे जाय D (गढ पिणि गमसै एहवे दाव ) / स्याल न होय सीहां काम D (इण परि बोल्यो गोरिल जाम ) / ' अपजस पूरी जासै माम D (जंपै पद मिण नारी तांम E)D470 / / सहु सरिखे निसवादो थाइ, भीत पर किम चीत्र लखाई॥ E548 //

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