Book Title: Gora Badal Padmini Chaupai
Author(s): Hemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan
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________________ [खंड कवि हेमरतन कृत // चोपई॥ इण' अवसरि हिव हूउ जेह, थिर मनि करि नइ निसण: "तेह / तिणि पुरि' गोर ‘रावत रहई', 'खित्रवट रीति खरी निरवहइ // 376 // तसु' भत्रीजउ बादिल वाल', वेरी' कंद तण कुद्दाल'। 'ते बेही बहु वलना धणी, बेही राउत बेही गुणी // 377 // 'राउ थकी रीसाणा रहइँ, प्रास न कोई नृप न ग्रहई / 'घरे रहई न कर चाकरी, रतनसेनि मुक्या परिहरी // 378 // 'ते बेही जाता था जिसइ', गढरोहउ मंडाण तिसई'। रुधइ गढि नवि जाइँ तेह', 'जाताँ लागइ खित्रवटि खेह' // 379 // 'तिणि कारणि ते नवि नीसरई, खरच-वरच पोता न कर। अंग तणउ न तिजइ अभिमान', 'मॉन विना नवि लाभइ मॉन // 380 // खित्री ते, जे खित्रवट धरइ', अपजसथी मन माहे डर।। रूधे जाताँ न रहइ माम; करई अहो निसि नृपनउँ काम // 381 // 'ब्युही तीरइ अधिक त्रेष', साँमि-धरम पालइँ सविशेष। गढनी लाज घगी निरवह.', इणि परि ते बे राउत रहइँ // 382 // हिव चिति चिंतह' इम' पदमिणी'-"गोरा-बादिल' बेही गुणी। त्याँहुँ जाइ करुं वीनती, वीजाँ माहि न दीसइ रती" // 383 // // 376 // 1 हीण BCE | 2 हिवै D / 3 हूवो , हूयो CE, हूवौ / 4 करिनै D, करिसवि E | 5 निसूणो , मुणिज्यों D, मुणयो / 6 तिण DE | 7 गढि DE | 8 गोरो C, गौरो D, गोरौ / 9 रहै DE | 10 खित्रवटि...(निति वहै D) BcD,...तणा बिरद भुज वहै / // 377 // 1 तासु BCDE | 2 भत्रीजो C, भतीजो DE | 3 वादलराव / 4 बेरी (बेयरी D)...तणो... BCD, सूरातन भरीयो दरियाव / / ५...बे बेई (बेउ D),...BCD, ते बेवै बल छल जाण / 6 बेई रावत बेई...DOD, वे वैरावत वै कुल भांण / // 378 // 1 ते बेई जाता था किसइ (जिसई D),...कोई...(नृपनो , पनो D) असई BOD| 2...( रहै c...करै D)..., रत्तनसेन (BC)...BOD, पणि तेहनें नहि मुनिजर सांम, खरच ग्रास नवि कोई ग्राम, घरे रहे न करे चाकरी, रतनसेन मूक्या परिहरि E| A360 / B 419 / 0427 / D452 / E527 / // 379 // १...बेई B0 (बेउ D, बेये E)...(जिसे DE) जिसई BCDE | 2 गढरो हो (मंटाणो CE, मंडाणी D) BCDE | 3 रूधई Bc (रूथै DE)...जायइ Bc (जाए D, जायै :)... ४...लागै DE...खेद B00 // 380 // १...नीसरै D, तिग कारगि रहिया ग्रहि टेक छ / २...विरच BCD, पोतानो D (प्रोतानी D), हिव जासां काइ हूआं एक / / ३...तणो CE (तणौ D)...तजई B0 (तजै DE)...4 सूर सुभट (महाबल:) महा सवल (जोधE), जुयान (जुवांन E) BCDE | ॥३८॥१धरई BC, धरै D / 2 ते DI 3 टरई BC, टरै D / 4 रूघई BC, रुधर BC, रुधै D / ५रहई BC, रहै D / 6 करई B, करे , करै / 7 नृपनो c, चपनौ D, खित्री सोइज खित्रवट चले, मरण दियै पिण नवि नीकलै / भुंडा भला पटतर नाम, खापां छेह हुवै खग जांम F | D 455 / E 530 / // 382 // 1 बेहूं BC, तीरई B (तीरे अधिको , बेउ तीरै अधिको D) तेप विन्हे सुहट मति अधिको रोषः। 2 पाल BC, पालै DE | 3 सुविशेष BCD, सुविवेक / 4 निरवहद BC, निरवहै DE | ५इण परि BCD, विधि / 6 रावत BCDE | 7 रहइ BC, रहै DE | D 457 / 3 532 / // 383 // 1 चिंतै DE | २त्री BCD| 3 पदमणी D, पदमिनी E / 4 बादल BCDE | 5 सुणियइ BCD, सुणिजे / 6 करो BC | ७दीस DEL

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