Book Title: Gora Badal Padmini Chaupai
Author(s): Hemratna Kavi, Udaysinh Bhatnagar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan

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Page 105
________________ 74 , कवि हेमरतन कृत हठी आलिम अमली माण, राजा साही लीधउ प्राणि / .. गढ पिण हेवई लेसी सही, जे इहाँ आविउ छह इम वहीं // 482 // पदमिणि धाँ त चटईपास, नही तरि गढ नी केही आस। - गढि जात' कॉई नवि रहर', वली करी हिव ज्युं तुं कहह" // 483 // बादिल बोलइ' “भल मंत्रण', की तुम्हे' आलोचि घणउँ / पदमिणि देशाँ 'आपे सही, पिण इक वात सुणउ' मुझ कही // 484 // छाटुं पडसी सगलइ देसि, मस्तकि कोइ न रहसी केस / खित्रवट सहू लोपासी खरी, आ / वात भली नादरी // 485 // 'मांडा सुभट भएँ गहगही', 'पिण निज माँण न मेल्हईं सही। मॉण पखइनर कही किसउ, कण विण ठाला कूकस जिसः॥ 486 // काया-माया बे कारिमी, घडी एक' वाँकी घडी एक' समी। कायर हुउ अथवा हुई सूर, मरण किणइ थी न टलह दूर // 487 // तउ ते मरण समारी मरउ', ढाँढा होई किसुं ऊगरउ / पदमिणि दीधी कहीइ केम, पति राखणसुं जउँ छह प्रेम" // 488 // वीरमाण इम निसुणी भणइ'- "बादिल! बोलि तुं बलि घणई। भाषी सहू भली तई वात, पिण नवि प्रीछह तुं तिल मात्र // 489 // // 482 // 1 हठिओ CD, हठियौ / 2 लीधो CE, लीधी / / 3 हिवडै D, हिवडा / / 4 लेस्य 80, लेसां DE | ५...आव्यउ B...,जेह मुगल दल आग्यौ वही D, दिली-पती बैठो हठ ग्रही EIA 460 1 352110533 / / 570 17651 / // 183 // 1 तो OB, तौ D / 2 छुटे , छूटै DE | 3 जाताँ BODE | 4 रहै DE | 5 कहै DB | ॥१८॥१बोले , बोलै DEV 2 भलो CE, भलौ DI 3 मंत्रिणो , मंत्रणो DE | 4 कियो CE, कियो DI ५तहे।। 6 आलोच्यो Bo, आलोच्यौ D, आलोचज / / ७घणो OE, घणौ / 8 देस्या BOD, देसां। 9 एकु BODE | 10 सुणो OE, सुणौ / // 485 // BODE प्रतियोंमें यह नहीं है। // 86 // १...मरै...D, सुहड मरे आणी उच्छाह। 2 पणि...वही B0, पणि...मुंकै वही B, पणि...मुंकै राह / / 3 पखे 4, पखै DB | 4 कहीयइ Bo, कहियै DR | 5 किसो 0, किसौ DE | 6 ठालउ B, ठाली 0D 1 7 जिसो 0, जिसौ DE | // 48 // 1 इक , घडीयै-धडीय / 2 होइ B0, होय D, हुइ-दुयै / / 3 किणी Bo, किणे D, किण / / ४टले DEI // 48 // 1 तो , तो D, तो पिण / 2 मरो 0E, मरौ / / 3-4 कित्यु ऊवरउ B, उधरै उधरो , कित्यं उवरौ D, असत हुयां थी नवि ऊवरो।। 5 कहीयह B0, कहीये DB | 6 कुलवट / 7 स्यं BODE | ८जो D, जो / ९छ DE | A466 / B526 / 0537 / D574656 / इसके आगे DB प्रतियोंमें होसी वातां देस प्रदेस, माथै कोई न रहसी केस। छाँट पढे सगले संसार, राय बुडायो देह नार // D575, R657 // // 189 // 1 मणे D / २.बोल्यो., बोल्यौ D, बोले / / 1 घणे DE | 4 ते D, ये / / ५प्रीछो 80, प्री , प्रीब्यो।

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