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झवेर बा की पर्सनालिटी का प्रभाव...121 'इन्हें अंतिम पद दो' समता व खानदानियत, अतः परेशान...122 काटे तब पता चलता है कि प्रेम... 139 लोगों को प्रेम से भोजन करवाने में... 122 तप करके भी खटमल के साथ कोई...140 बा के धीरज ने बापू जी को बचाया123 जागते हुए खाना खिलाकर हिसाब...141 बहुत कोमल, इसलिए घबरा जाती... 124 जो जागृत अवस्था में खाना खिलाएँ...142 संस्कार उच्च इसलिए बहू की बहू...124 अद्भुत बिज़नेस दादा का, नुकसान..143 इन गुणों की वजह से बा पर मोह 125 जागृत अवस्था में काटने दिया... 144 [5.2 ] पूर्व जन्म के संस्कार हए चुका दो हिसाब, फिर नहीं काटेंगे... 145 जागृत, माता के माध्यम से खटमल को निकालो, लेकिन मारो... 146
बिस्तर पर रखने पर भी न काटें तो...146 बा को परेशान किया कृष्ण... 127 क्षत्रिय ब्लड, तो क्षण भर में ही... 127
खाना खत्म हुआ और मेहमान आए 147
'अभी कहाँ से आ गए?', देखी बा...148 'मार खाकर आना, मारना मत' 128 ऐसी मदर बनाएँ महावीर 129
'ऐसे खानदानी इंसान ने ऐसा कहा?'..148 क्षत्रिय तो होते हैं समझदार माँ के...129 थक गई थीं इसलिए फिर से मेहनत...149 सरलता की वजह से बा के मना... 130 झटपट आसान सा खाना बना दिया,.. 150 बिना हेतु के नहीं लेकिन जैसे ही...131
चाहे कैसे भी संयोग हों, लेकिन... 151 पूर्व के संस्कार, मदर को देखकर...132
आपका मन बिगड़ेगा तो वैराग्य... 152 पहले तो खटमल पर बहत चिढ थी133 सादा बनाना लेकिन भाव मत बिगाड़ना152 खटमल टिफिन लेकर नहीं आते 133 इज्जत के लिए नहीं लेकिन प्रेमपूर्वक..153 जिनका सृजन नहीं कर सकते, उन्हें...135 जगत् प्रेम ढूँढ रहा है, चीजें नहीं 154 दादा की अनोखी शैली खटमलों से...137 एक बार चेतावनी देने के बाद हमेशा..155 इंसान के पसीने में से स्वयंभू उत्पन्न...137 दूसरों के मन बिगड़े, इसलिए नहीं... 156 आहार सिर्फ मनुष्य का रक्त 137 'हम' छोटे थे फिर भी बा पूछते थे 156 निर्भय बनाया और आराम से... 138 बा का महान उपकार, परदेश नहीं...157
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