Book Title: Chatvara Karmgranth
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 281
________________ नंबर. कर्त्ता. लोकप्रमाण. १ महाकर्मप्रकृतिप्राभृत पुष्पदन्त तथा श्लो० ३६००० अनुमाने विक्रमनी ४-५ मी सदी. (षट्खण्डशास्त्र) भूतबली २ "" ५ ६ ग्रन्थनाम. " 95 23 93 " 22 35 37 "" गा० २३६ कषायप्राभृत. गुणधर धृ० वृत्ति यतिवृषभाचार्य लो० ६००० उच्चा०वृत्ति | उच्चारणाचार्य श्लो० १२००० | शामकुण्डाचार्य | श्लो० ६००० टीका २० चू० व्याख्या | तुम्बुलराचार्य लो० ८४००० प्रा०टीका | बप्प देवगुरु ज०टीका वीरसेन तथा जिनसेन नेमिचन्द्रसिद्धा गा० १७०५ न्तचक्रवर्ति 33 33 55 ३ गोम्मटसार 33 दिगम्बरीयकर्मतत्त्वविषयकशास्त्राणां सूची । 29 13 19 प्रा०टीका टीका कर्णा० टीका तुम्बुलूराचार्य सं०टीका समन्तभद्राचार्य व्या०टीका बप्प देवगुरु धव०टीका | वीरसेन 12 ४ लब्धिसार कुन्दकुन्दाचार्य | श्लो० १२००० शाम कुण्डाचार्य श्लो० ६००० श्लो० ५४००० लो० ४८००० कर्णा० टीका चामुण्डराय taaraर्णी सं०टीका सं०टीका हिं० टीका श्लो० १४००० श्लो० ७२००० सं०टीका केशवर्णी हिं०टीका टोडरमलजी श्रीमद्भयचन्द्र टोडरमलजी नेमिचन्द्रसिद्धा | गा० ६५० न्तचक्रवर्ति सं० क्षपणासार सं० माधवचन्द्र सं० पश्चसङ्ग्रह अमितगति श्लो० ६०००० । श्लो० ६०००० अज्ञात छे. 33 93 31 " लगभग विक्रम संवत् २०५ अनुमान विक्रमनी ५ मी सदी. अनुमा० विक्रमनी ६ ही सर्दी. अज्ञात छे. 33 रचनाकाल. 33 विक्रमनी ९-१० मी सदी. विक्रमनी ११ मी सदी. विक्रमनी ११ मी सदी. विक्रमनी १३ मी सदी. विक्रमनी १०-११ मी सदी. विक्रमसंवत् १०७३ १. आ परिशिष्ट पं. सुखलालजी कृत कर्मविपाकना हिन्दी अनुवादमांथी लीधुं छे. २. आसङ्ख्या कर्मप्राभृतनी सङ्ख्या साथे मेळवीने लखेली है.

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