Book Title: Vijay Vvallabhsuri Smarak Granth
Author(s): Mahavir Jain Vidyalaya Mumbai
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 718
________________ सलमा सामान्यनोचिलिमायानगोदितम्बामादोपाधवनकाधिका:REnवधादे दियाएं उपानिय विवाहयतनामुना मिमाटाकामाविरतासमकषायाम.स्वतापिचवाबनवावसयमयोगा। संसारिशीलमुलमोमनःसर्वजीवानिमयावसमहात्मनहतादिनाराएवेशीवास्तिकायायोगधरे का। पुरोदिगमकामनावगुणैःसचभासवेमानंनजीवमात्यायितासाबुदारिनमत्रताला कमात्रासलिये पता नरिवलालमणिशाकालनःशाश्वतावादिसिमरत्व कालावनः उपयोगगुणाचासोग नापरिकातिपनिरंनरंवचमानैःसबकम्मकदंबकै विसंस्खलासवांशीराबहकावे ATMITH Rमासानावर पापारमारिणीय मोदनायतरायॉमा धातिन भय॥३॥ वाचवा बनायबाजाममेनिया में नियामालाकामयाजानीमाना समापनादालिकचार्य यानि सर्वदेदिनोहिमउवव्यायानिचलवानीकोवलिनान॥३पानयाविनरवेषामुमते विस्त तेसमान कमयबादियारालाइवयासयुधसानाशापारावारानकारादिनितिनबरस जाविादेलस्सिारी उचिसोनिममुक्ताबननसुषमामुक्कियंकारने कामशाजाबस्वरूपप्रकरणरचनायारूमुक्तावली अवामा कंबपीवऊकनकनक्षियनीविडोधसिञ्जिा अमावासनियतामा पत्रमनयोजिनेनजमानिसबरयात्रामविनयावारनेकर्मस्वानुजनलाउररमानिस कामकाङतानादिगुणपातकनी उपमंचस्थाझवारमारिकाप्रगतिमर्वसिदामन राजदाकाराबाराव विस्वधर्मर लगामानुसरससमारनाम: श्री विनयविजयोपाध्यायना हस्ताक्षर, लोकप्रकाश ग्रंथनी प्रथम नकलमांथी Handwriting of sri Vinayavijayopadhyāya--First copy of Lokprakush सूरिसम्राट श्रीवि जय जीनेमिसूरीश्वरजी महाराजना ज्ञानभंडारमाथी] लाख उपर दोरेलुं सोनेरी चित्र A picture drawn in gold on sealing wax मनिधी पुण्यविजयजीना मंगमाथी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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