Book Title: Swatantrata Sangram Me Jain
Author(s): Kapurchand Jain, Jyoti Jain
Publisher: Prachya Shraman Bharati

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Page 423
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 346 . स्वतंत्रता संग्राम में जैन श्री शंकरलाल उर्फ ज्ञानचंद जैन अधिवेशन में स्वयंसेवक के रूप में तथा 1942 के श्री शंकरलाल उर्फ ज्ञानचंद जैन, पुत्र- श्री भारत छोड़ो आन्दोलन में आपने भाग लिया एवं दुलीचंद का जन्म 14 जनवरी 1910 को सिहोरा अर्थदण्ड पाया। (म0प्र()) में हुआ। 1930 के जंगल सत्याग्रह में आप आO-(1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-2, पृष्ठ-90 सिहोरा से गिरफ्तार होकर जबलपुर केन्द्रीय जेल में श्री शंकरलाल जैन रहे। जेल में आपके साथी श्री कन्हैयालाल, नन्ही लाल गाडरवारा, जिला- नरसिंहपर (म0प्र0) के तिवारी व फूलचन्द बढ़ई श्री शंकरलाल जैन, पुत्र-श्री मानकलाल का जन्म आदि थे। आप 11-8-1930 1 1919 में हुआ। 1942 के से 10 11-1930 तक जेल भारत छोड़ो आन्दोलन में 6 में रहे। 1932 में अखिल माह का कारावास आपने भारतीय कांग्रेस कमेटी की भोगा। आप मूलतः गौरझामर, मीटिंग धर्मतल्ला में थी जिसमें तहसील- रहली, जिला-सागर आप सिहोरा से गये थे, सभा के निवासी हैं। आप की अध्यक्षा श्रीमती नलनी सेनगुप्ता थीं। अंग्रेज सरकार 16-10-42 से 31-3-43 ने इस सभा को गैर कानूनी घोषित कर दिया, इस तक सागर जेल में रहे और अपने अच्छे आचरण के कारण आप सभा स्थल से गिरफ्तार कर लिये गये कारण 15 दिन पूर्व ही मुक्त कर दिये गये। एवं न्यू प्रेसीडेंसी जेल, कलकत्ता में 20 दिन आ0- (1) म0 प्र0 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-159 बंद रहे। (2) प्रमाण पत्र सिहोरा में आपका मकान झण्डा बाजार के पास श्री शांतिलाल आजाद था, घर पर कांग्रेस की बैठकें होती थीं। आपने स्वर्गीय श्री शांतिलाल आजाद का जन्म 4 मई 1926 काशी प्रसाद पांडे, भूतपूर्व विधानसभा अध्यक्ष म0प्र0 को रामपुरा, जिला-मन्दसौर (म0प्र0) में हुआ। इनके के साथ कांग्रेस का कार्य किया। महात्मा गांधी का पिता मोतीलाल जी अग्रवाल स्वयं भी राष्ट्रीय विचारध जब देश का दौरा हुआ उस समय वे सिहोरा भी गये रा के व्यक्ति थे। यही कारण था कि उनका पूरा घर थे तब आपने हरिजन फंड हेतु चंदा एकत्र किया था राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत होता गया। एवं रुपया 1100/- की थैली भेंट की थी एवं उनके आजाद जी प्रारम्भ से ही उग्र स्वभाव के द्वारा सभा स्थल पर नीलाम किए सामान में से मानपत्र आंदोलनकारी थे। अनेक बार इन्होंने पुलिस के रखने का चाँदी का डिब्बा खरीदा था। सम्प्रति आप समक्ष प्रदर्शन आदि भी किये। पुलिस ने आपको अपने पुत्रों के पास जबलपुर में रह रहे हैं। अनेक बार हिरासत में लिया किन्त बाद में छोड आ0-(1) म0 40 स्व0 सै0, भाग-1, पृष्ठ-126 दिया। (2)स्व) प0 9 अगस्त 1942 को जिले के प्रमुखा श्री शंकरलाल जैन आंदोलनकारी व संगठक श्री चन्दवासकर को चचावदा में गिरफ्तार किया गया। पलिस की इस कार्यवाही के दमोह (म0प्र0) के श्री शंकरलाल जैन का जन्म 1921 में हुआ। आपके पिता का नाम श्री भैयालाल विरुद्ध रामपुरा में एक विशाल प्रदर्शन रैली निकाली था। आपने प्राथमिक तक शिक्षा ग्रहण की। त्रिपरी कांग्रेस गई। श्रा आजाद व इनके जयेष्ठ भ्राता श्री माणकलाल For Private And Personal Use Only

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