Book Title: Shraddhdin Krutya Sutram
Author(s): Rajshekharsuri
Publisher: Arihant Aradhak Trust
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
सूत्रम्
श्राद्धदिन०
व्याख्या-'वेरग्ग०''ते धन्ना ताण नमो०' । सुबोधार्थौ ।।३१८||३१९।। एवं ब्रह्मचारिणः स्तुत्वा 1॥१६८॥ 18 आशंसार्थमाह
ता किं च तं हुज्ज दिणं मुहत्तं, जहिं पमुत्तूण गिहत्थभावं |
निव्वाणसुक्खाण निहाणभूयं, अणवज्जपबज्ज पवज्जिमोऽहं ||३२०।। व्याख्या-'ता किं च०' सुगमा ॥३२०।। उपसंजिहीर्षुराह
पुबुत्तं सब्ब काऊणं, ठावित्ता चित्तमंदिरे ।
भयवं परमिट्टित्ति, तओ निदं तु गच्छई ॥३२१।। व्याख्या-'पुबुत्त०' । सुगमा० द्वारम् २६ । नवरम् 'पुबुत्तं ति चैत्यवन्दनचतुःशरणगमनादि ॥३२१।। साम्प्रतं सप्तविंशमात्मबाधकदोषविपक्षपर्यालोचनद्वारं व्याख्यातुकाम आह
जम्मं दुक्खं जरा दुक्खं, रोगा य मरणाणि य ।
अहो दुक्खो हु संसारो, जत्थ कीसंति जंतुणो ||३२२|| व्याख्या-'जम्मं दुक्खं०' जन्म- उत्पत्तिः, तच्च ट:खहेतत्वाद दःखम । यथा
cococo.co.ac.........oo..oooooooooooooooooooooooooo
||१६८॥
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218