Book Title: Satikachatvar Karmgrantha
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Jain Atmanand Sabha
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पञ्चमं परिशिष्टम् । कर्मग्रन्थान्तर्वर्तिनां पिण्डप्रकृतिसूचकानां शब्दानां कोशः।
५२
पत्र. | शब्द
पत्र. ९४ मध्यसंहननचतुष्क ९४ मनुष्यत्रिक
५२-९५ ९४ मनुष्यद्विक ९४ मिथ्यात्वद्विक
८८ वर्णचतुष्क ८६-९३ विकलत्रिक
४१ विकलत्रिक ७९-९५ विहायोगतिद्विक ८९-९४ ४१-७८ वेदत्रिक
३८-७८-८७ वैक्रियद्विक ५२-९९-१५६
WW.
२७-८८ वैक्रियषक
५२-८६ ३४-७८
९५
शब्द
पत्र. शब्द अगुरुलघुचतुष्क ५२-८२ तुर्यक्रोध अज्ञानत्रिक
१४७ तुर्यमद अनन्तानुबन्धिचतुर्विंशति १०१ तुर्यमान अनन्तानुबन्धिचतुष्क ८० तुर्यमाया अनन्तानुबन्ध्येकत्रिंशत् १०१ तुर्यलोभ अनादेयद्विक
तृतीयकषायाः अपर्याप्तषक
१२३ त्रसचतुष्क अवधिद्विक १४२-१४८ असत्रिक अस्थिरद्विक
त्रसदशक अस्थिरषक
४१-९५ त्रसनवक आतपद्विक
९३ दर्शनचतुष्क आहारकद्विक ५२-८१-१५५ दर्शनत्रिक आहारकषक
१०५ दर्शनत्रिक उद्योतचतुष्क १०३ दर्शनद्विक उपाङ्गत्रिक
९५ दुर्भगत्रिक एकेन्द्रियत्रिक
१०३ द्वितीयकषायाः औदारिकद्विक ५२-८०-१५६ देवत्रिक कषायपञ्चविंशति ३४-७८ देवद्विक कषायषोडशक
३४-७८ नपुंसकचतुष्क केवलद्विक १४५-१५७ | नरकत्रिक गन्धद्विक
९४ | नरकद्विक चतुर्थक्रोध
९४ नरकषोडश चतुर्थमद
९४ नरत्रिक चतुर्थमान
९४ नरद्विक चतुर्थमाया
९४ नवनोकषाय चतुर्थलोभ
८८ निद्राद्विक जातिचतुष्क
७९ निद्रापञ्चक जिनपञ्चक
१०५ निरयनिक जिनैकादशक
१०१ निरयद्विक ज्ञानत्रिक
१६६ नोकषायनवक तिर्यक्त्रिक
८०-५२ पञ्चविंशतिकषाय तिर्यग्द्विक
९३-५२ मध्यसंस्थानचतुष्क
९५
१२४
५२
वैक्रियाष्टक १६६
षोडशकषाय १६५
संस्थानषट्क
संहननषक ८६-९३
संज्ञिद्विक सज्वलनचतुष्क
सअवलनत्रिक ५२-७९
सम्यक्त्वत्रिक ५२-९३
सम्यक्त्वत्रिक १०१
सुभगत्रिक ५२
सुरत्रिक
८८ १४२ १५५
५२-९९ सुरद्विक
सूक्ष्मत्रयोदशक
१०४ ४१-८४
12.
४१-७९
३७-७८
सूक्ष्मत्रिक २७
स्त्यानर्द्धित्रिक ५२-७९
स्थावरचतुष्क ५२-९३ स्थावरदशक ३७-७८ स्थावरद्विक ३४-७८ स्थावरषद्क
८० हास्यषट्क
९३
३७-७८-८७
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