Book Title: Satikachatvar Karmgrantha
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Jain Atmanand Sabha

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Page 275
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पञ्चमं परिशिष्टम् । कर्मग्रन्थान्तर्वर्तिनां पिण्डप्रकृतिसूचकानां शब्दानां कोशः। ५२ पत्र. | शब्द पत्र. ९४ मध्यसंहननचतुष्क ९४ मनुष्यत्रिक ५२-९५ ९४ मनुष्यद्विक ९४ मिथ्यात्वद्विक ८८ वर्णचतुष्क ८६-९३ विकलत्रिक ४१ विकलत्रिक ७९-९५ विहायोगतिद्विक ८९-९४ ४१-७८ वेदत्रिक ३८-७८-८७ वैक्रियद्विक ५२-९९-१५६ WW. २७-८८ वैक्रियषक ५२-८६ ३४-७८ ९५ शब्द पत्र. शब्द अगुरुलघुचतुष्क ५२-८२ तुर्यक्रोध अज्ञानत्रिक १४७ तुर्यमद अनन्तानुबन्धिचतुर्विंशति १०१ तुर्यमान अनन्तानुबन्धिचतुष्क ८० तुर्यमाया अनन्तानुबन्ध्येकत्रिंशत् १०१ तुर्यलोभ अनादेयद्विक तृतीयकषायाः अपर्याप्तषक १२३ त्रसचतुष्क अवधिद्विक १४२-१४८ असत्रिक अस्थिरद्विक त्रसदशक अस्थिरषक ४१-९५ त्रसनवक आतपद्विक ९३ दर्शनचतुष्क आहारकद्विक ५२-८१-१५५ दर्शनत्रिक आहारकषक १०५ दर्शनत्रिक उद्योतचतुष्क १०३ दर्शनद्विक उपाङ्गत्रिक ९५ दुर्भगत्रिक एकेन्द्रियत्रिक १०३ द्वितीयकषायाः औदारिकद्विक ५२-८०-१५६ देवत्रिक कषायपञ्चविंशति ३४-७८ देवद्विक कषायषोडशक ३४-७८ नपुंसकचतुष्क केवलद्विक १४५-१५७ | नरकत्रिक गन्धद्विक ९४ | नरकद्विक चतुर्थक्रोध ९४ नरकषोडश चतुर्थमद ९४ नरत्रिक चतुर्थमान ९४ नरद्विक चतुर्थमाया ९४ नवनोकषाय चतुर्थलोभ ८८ निद्राद्विक जातिचतुष्क ७९ निद्रापञ्चक जिनपञ्चक १०५ निरयनिक जिनैकादशक १०१ निरयद्विक ज्ञानत्रिक १६६ नोकषायनवक तिर्यक्त्रिक ८०-५२ पञ्चविंशतिकषाय तिर्यग्द्विक ९३-५२ मध्यसंस्थानचतुष्क ९५ १२४ ५२ वैक्रियाष्टक १६६ षोडशकषाय १६५ संस्थानषट्क संहननषक ८६-९३ संज्ञिद्विक सज्वलनचतुष्क सअवलनत्रिक ५२-७९ सम्यक्त्वत्रिक ५२-९३ सम्यक्त्वत्रिक १०१ सुभगत्रिक ५२ सुरत्रिक ८८ १४२ १५५ ५२-९९ सुरद्विक सूक्ष्मत्रयोदशक १०४ ४१-८४ 12. ४१-७९ ३७-७८ सूक्ष्मत्रिक २७ स्त्यानर्द्धित्रिक ५२-७९ स्थावरचतुष्क ५२-९३ स्थावरदशक ३७-७८ स्थावरद्विक ३४-७८ स्थावरषद्क ८० हास्यषट्क ९३ ३७-७८-८७ For Private and Personal Use Only

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