Book Title: Sambodhi
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 508
________________ परिशिष्ट २ संबोधि के आगमिक आधार-स्थल संबोधि-स्थल आगम-स्थल संबोधि-स्थल आगम-स्थल १।३२. १८. २।१०. २॥११. २।१२. २।१३. २।१४. २११५. २।१६. २।२०. २।२१. २।२३. २।२४. २।२५. २।२६. २।२७. २।२८. २।२६. २१३१. दशवकालिक ८।२७. २।३४. उत्तराध्ययन ३२।१०६. उत्तराध्ययन ३२६. २०३५. उत्तराध्ययन ३२।१०७. उत्तराध्ययन ३२१७. २०३६. उत्तराध्ययन ३२।१०८. उत्तराध्ययन ३२।८. ३।११. अचारांग ११२१६३. उत्तराध्ययन ३२।६. ३।२१-२५. दशाश्रुतस्कंध ५॥११-१५ उत्तराध्ययन ३२।१०. ३।२६. दशाश्रुतस्कंध ५।१० उत्तराध्ययन ३२।११. ३।२७, दशाश्रुतस्कंध ५७. उत्तराध्ययन ३२।१२. ३।२८. दशाश्रुतस्कंध ५।६. उत्तराध्ययन ३२।१६. ३।२६. दशाश्रुतस्कंध ५११. उत्तराध्ययन ३२।२१. ३।३०. दशाश्रुतस्कंध ५।२. उत्तराध्ययन ३२।२२. ३।३१. दशाश्रुतस्कंध ५।४. उत्तराध्ययन ३२।२८. ३।३२. दशाश्रुतस्कंध ५॥३. उत्तराध्ययन ३३।२६. ३।३३. दशाश्रुतस्कंध ५।५. उत्तराध्ययन ३२॥३०. ३।४१. उत्तराध्ययन १८।१७. उत्तराध्ययन ३२।३१. ३।४३. सूत्रकृतांग १।१।१५।६. उत्तराध्ययन ३२।३३. ३.४४. सूत्रकृतांग १११।१५।८. उत्तराध्ययन ३२१६६. ४।११. औपपातिक उत्तराध्ययन ३२।१००. ४।१३. औपपातिक १८० उत्तराध्ययन ३२।१०१. ४।१६. औपपातिक १८३ उत्तराध्ययन ३२।१०२, ४।१७. औपपातिक १८४ १०३. ५८. आचारांग १।३।७५. उत्तराध्ययन ३२।१०५. ६१. आचारांग १५।२५. उत्तराध्ययन ३२।१०६. ६।२. सूत्रकृतांग १।१०।२१. २।३२. २।३३. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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