Book Title: Path ke Pradip
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Vishvakalyan Prakashan Trust Mehsana

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Page 66
________________ &ULI चिन्तन करना है तो ज्ञान चाहिये । विचारो से मुक्त होना है तो इच्छामो से मुक्ति चाहिये । जिनमे ज्ञान भी न हो और जो इच्छाओ से मुक्त भी न हो, ऐसे व्यक्ति कभी शान्ति प्राप्त नही कर सकते । केवल शान्ति ... शान्ति की रट लगाने से शान्ति नही मिलती । शान्ति का सही उपाय करे । ज्ञान के विना चिन्तन कैसा ? इच्छामुक्ति के बिना निर्विकल्प स्थिति कैसी? nts [ ५५ RE 42

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