Book Title: Pali Sahitya ka Itihas
Author(s): Bharatsinh Upadhyaya
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan Prayag
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परिशिष्ट १-नामानुक्रमणी
अ
अग्ग पंडित (तृतीय) ६११ अकारणवाद १३५
अग्गवंस ५७९, ६०३, ६११ अकालरावी जातक २८२
अग्गिवच्छगोत्त (परिव्राजक) १५५ अकित्ति-चरियं २९९
अग्गिवच्छगोत्त-सुत्त ९६, १५५, १५९ अकित्ति-जातक २९९
अग्गि भारद्वाज (ब्राह्मण) २४० अक्रियावाद १३७
अगोन् ११४ अक्रियावादी १९३, १९४
अघोष ऊष्म ३६
अघोप (स्पर्श) १९, २०, ३२, ३४, अकृततावाद १३७ अकुशल ३०, ७३, ३७४, ३७५,
३५, ५४, ५६, ५७, ५८, ५९ ३८६, ४००, ४३८, ४४०, ४४२, अचिरवती (नदी, राप्ती) १९५ ४४६, ४५०, ४५८
अचेल काश्यप १४१ अकुशल कर्म ३५५
अच्छरियन्भुतधम्म-सुत्त ९८, १५७ अकुशल-चित्त ३७९, ३८०, ३८६, अजन्ता २९० ३९०, ३९२, ५३३, ५३४, ५३५, अजातशत्रु (अजातसत्तु-मगधराज)
१३७, १३८, १४४, १५७, १६२, अकुशल चेतसिक ३८६
१६६, १७७, १९", ५५०, ५६२, अकुशल धर्म ४६१
५७१, ५७२, ५८१ अकुशल-मूल ३५५, ४४०
अजित (माणव, ब्राह्मण वावरि का अकुशला मनोविज्ञान-धातु-संस्पर्शजा
शिष्य) २४१, २४२, ५८६ ४००
अजित केस कम्बलि १३७, १५९, अकुशल विपाक-चित्त (सात) ३८२
४८० ३८३, ५३५
अजितमाणवपुच्छा २४१-२४२ अक्खरसम्मोहच्छेदनी ६४१ अखरावट २३०
अट्ठकथा १, २, ३, ६, ८, ९, ८५, अग्गा -सुत्त ९३, १४७
१३०, १३२, २७८, २९७, ३३७, अग्गपंडित (लोकुप्पत्ति के रचयिता) ३३९, ४२२, ४२७, ४४५, ४६५, ५७९
४६६, ४९६, ५३७, ५३८, ५३९, अग्ग पंडित (प्रथम) ६११
५४८, ५४९, ५६०, ५६६, ५६७, अग्ग पंडित (द्वितीय) ६११
५६८, ५९८, ५९९, ६००, ६४२ ४२

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