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मुहता नैणसीरी ख्यात कियो' । जगमालजी सुण राजी हुआ । जगमालजी पछ मंडळीक मेहवै राज कियो । भारमल बाहड़मेर राज कियो। रिणमल कोटड़े राज कियो ।
॥ इति रावळ जगमालजोरी वात सपूर्ण ।।
1 और इन्होने जगमालजीको सूचना दी कि हमने यह काम कर दिया है। 2 जगमालजी मुंन कर प्रसन्न हुए। 3 जगमालजीके वाद मेहवेमे मडलीकने राज्य किया। 4 भारमलने वाहडमेरमे राज्य किया और रिणमलने कोटडेमे राज्य किया।