Book Title: Mahavira Jayanti Smarika 1964 Author(s): Chainsukhdas Nyayatirth Publisher: Rajasthan Jain Sabha Jaipur View full book textPage 2
________________ प्राच्य साहित्य के प्रकारात ...... .. ..त्वपूर्ण योग राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर के सात संग्राह्य नये प्रकाशन राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला प्रधान सम्पादक : मुनि - जिनविजय, पुरातत्वाचार्य १. काव्य प्रकाश : भट्ट सोमेश्वर विरचित संकेत सहित । जैसलमेर ग्रन्थ भण्डार । से प्राप्त प्राचीनतम प्रति के आधार पर, प्राध्यापक रसिकलाल छोपारिख द्वारा सम्पादित अन्यतम संस्करण (दो भागों में) मूल्य-प्रथम भाग १२.००, द्वितीय भाग ८.२५ न. पै. | २. वस्तु रत्न कोष : अज्ञात कर्तृक नाना वस्तु प्रतिपादक विशिष्ट कोषग्रन्थ सम्पादिका : प्रिय बालाशाह एम. ए., पी. एच. डो., डी. लिट मूल्य ४.०० रु० । ३. मुंहता नेणसी ख्यात भाग : जोधपुर के प्रधानामात्य मुहता नेणसी लिखित मूल भाषा में राजस्थान का इतिहास सम्पादक : बदरीप्रसाद साकरिया मूल्य ८.५० न.पै. ४. भगतमाल : चारण ब्रह्मदास विरचित राजस्थानी काव्यमय भक्त चितरावली सम्मादक : उदयराज 'उज्ज्वल' मूल्य १.७५ न. पै. ५. रघुवर जस प्रकास : चारण कवि किसना जी आढा निर्मित राजस्थानी भाषा __ में काव्य शास्त्र संबंधी ग्रन्थ । सम्पादक : सीताराम लालस मूल्य ८.२५ न. पै. ६. राजस्थान हस्तलिखित ग्रन्थों की सूची भाग-१ मूल्य ४.५० न. पै. ७. राजस्थान प्राच्य-विद्या प्रतिष्ठान के हस्तलिखित ग्रंथों की सूची भाग २ मूल्य १२.०० रु. - - प्राप्ति स्थान : राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, रेजीडेन्सी रोड, जोधपुर । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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