Book Title: Kundsiddhi Prarambh
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Page 13
________________ www.kabatirth.org Acharya Shri Kallassarsur Gyarmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अथप्रकारांतरणलड्पायनोदीचीसाधनमाहं तिथिपत्रानगणिताहादिनमानमेतावदितिज्ञात्वाततोघटिकादिनाज्ञाते दिनोईम ध्यान्हेसप्तौगुलशंकार्यत्रछायायलगतितस्माच्छकुमूलयावन्त्रीयमानंसूत्रंदक्षिणोतरमत्रमितिअथवासप्तांगुलशकोगेणि। नागनमध्यान्हिकछायानुल्यातस्यैवछायायदास्पात्तदयोच्छंकुमलेनीयमानंमत्रंदक्षिणोन्नरेति अत्युक्तिः तस्मिन्समयेरवि परमदिनदिनोद्भवांतरालशरगुणितंचहतरसैद्यतिःस्याने समकुगतनरेनगा। गुलेविट्समगतयास्वभयाभवदुदीची 22 दिनमानदलेसप्तांगुलछायायतो हितत् शैकमूलेनीयमानंसूत्रस्याहत्तरादिशा 12 दिगंतशकुद्दयगहिपार्शविला रतुल्पतगुगोदलोकैकोणेषकर्षदिनिवेदकोणेष्वेवंचतुःकोणमतीवसाधु॥२३॥ दक्षिणोत्तरहनेभवतीतिततः पूर्ववत पूर्वापरेसाध्या 12 सतहिकसाधन विधायमंडपस्यचतुष्कोणत्वाच्चतुष्कोणसाधना विपरीताख्यानक्याहदिगंतयोःपूर्वदक्षिणयोः दक्षिणापरयो अपरोतरपूर्वयोःशंकुहयगंदौपाशीयस्थतविस्तारातुल्पगु सूत्रअईचिन्हेत्वाकोणेआकर्षेदेवेचतुर्वपिकोणेषुइतिकतेसाधुचतुरस्त्रस्यादिति // 3 // // // // // For Private and Personal Use Only

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