Book Title: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth
Author(s): Nathmal Tatia, Dev Kothari
Publisher: Kesarimalji Surana Abhinandan Granth Prakashan Samiti
View full book text
________________
३८६
कर्मयोगी श्री केसरीमल जी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : पंचम खण्ड
......-..-.-.-.-.-.-.-.-.-...........................................
यन्त्र विभाग-चौबीस तीर्थकर परमात्मानु महान प्रभाविक चमत्कारी सिद्ध यन्त्र, श्री चौबीस तीर्थकर परमात्माना अधिष्ठित देव देवीओना निवास वारू कल्पवृक्ष यन्त्र, सर्वकार्य मनोकामना सिद्धयन्त्र, चौदपूर्वी सर्वतोभद्र यन्त्र, श्री लक्ष्मी प्राप्तिना चमत्कारी अद्भुत सिद्धि यन्त्रो, अदभुत सिद्व विद्या प्राप्ति तया ज्ञान प्राप्ति यन्त्रो, मनोकामना सिद्धयन्त्र, चिन्तेवेलु कार्य सिद्ध यन्त्र, घण्टाकर्णो यन्त्र, कोर्ट कचेरी मा विजय प्राप्ति विजयराज यन्त्र, व्यापार वर्धक यन्त्र, रोगनिवारण यन्त्र, एकाक्षी नालीयेर कल्प, व्यापारवर्धक ३२, ३४, ६५ का यन्त्र, शंख कल्प, सोनु बनावानु कल्प आदि । महावीरकोति स्मृति ग्रन्थ
__ इस कृति का सम्पादन डॉ० नेमैन्द्रचन्द्र जैन ने सन् १९७५ में किया है । इस ग्रन्थ के तृतीय खण्ड में स्व. आचार्य द्वारा समय-समय पर अपने भक्तों को दिये गये एवं बताये गये मन्त्रों एवं तन्त्रों का संग्रह कर सम्पादन किया गया है जिसमें निम्न मन्त्र एवं यन्त्र महत्वपूर्ण हैं :
णमोकार कल्प-मंगलमन्त्र णमोकार, अक्षर पंक्ति विद्यामन्त्र, अचिन्त्यफल प्रदायक मन्त्र, पापभक्षिणी विद्या रूप मन्त्र, रक्षा मन्त्र, अग्निनिवारक मन्त्र, लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्र, सर्व सिद्धि मन्त्र, त्रिभुवनस्वामिनी विद्या मन्त्र, महामृत्युजय मन्त्र. रोग निवारक मन्त्र, विवेक प्राप्ति मन्त्र, प्रतिवादिकी शक्ति स्तम्भन करने का मन्त्र, विद्या व कवित्व प्राप्ति मन्त्र, सर्वकार्यसाधक मन्त्र-(ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लू अहं नमः), सर्वशान्तिमन्त्र, व्यन्तर बाधाविनाशक मन्त्र, शिरोव्याधि विनाशक मन्त्र, बुखार तिजारी एकातरानिवारक मन्त्र, व्यन्तर और भूत-प्रेत विनाशक मन्त्र, केतु-मंगल-सूर्य ग्रह निवारक मन्त्र, चन्द्र-शुक्र ग्रह निवारक मन्त्र, बुध ग्रह निवारक मन्त्र, शान्ति के लिए मन्त्र, मनचिन्तित कार्यसिद्धि मन्त्र, द्रव्य प्राप्ति मन्त्र, वशीकरण मन्त्र, व्यापार में धन-प्राप्ति मन्त्र, लाभान्तराय मन्त्र, लक्ष्मीप्राप्ति मन्त्र, ऋणमोचन मन्त्र, पुत्र प्राप्ति मन्त्र (ॐ ह्रीं पुत्र-सुख प्राप्ताय श्री आदिजिनेन्द्राय नमः), फौजदारी मुकदमे में जीत मन्त्र, बिच्छू विषहरण मन्त्र, विद्यासिद्धि मन्त्र, सर्वकार्य सिद्धि मन्त्र, बन्दी-मोक्ष मन्त्र, वस्तु विक्रय मन्त्र, स्तम्भन मन्त्र, मेववृष्टिकारक मन्त्र, चिन्तामणि मन्त्र (ॐ णमो अरिहन्ताणं अरे अरणिमोहणि अमुकं मोहय मोहय स्वाहा), आधा सिर दर्द नष्ट करने का मन्त्र आदि। यन्त्र प्रकरण :-लक्ष्मी प्राप्ति यन्त्र, भप निवारण व गर्भ रक्षा यन्त्र, शान्तिदायक यन्त्र, उपद्रवनाशक यन्त्र, धनधान्य वृद्धिकारक श्री पार्श्वनाथ यन्त्र, दरिद्रतानाशक यन्त्र, गर्भ रक्षा यन्त्र, बिक्री यन्त्र, सर्वकार्य सिद्धि मन्त्र यन्त्र, व्यापार अच्छा चले यन्त्र, योगिनी यन्त्र, सम्मान प्राप्ति यन्त्र, द्रव्य प्राप्ति पन्दरिया यन्त्र, वशीकरण पन्दरिया यन्त्र, उच्चाटन निवारक पन्दरिया यन्त्र, मुकदमा जीतने का यन्त्र आदि ।
------- + ---- + --- 16। १५ । २ । ७ । iT३॥ १२! ११
--- -- -------------- iviti E । १
+---+----+------ ------
+--- --- --- i४।३1511 +---+---+- + । । ५। । +--- --- -- ।२।.11
Rii १ ।
+
--
-
--
--
--
-
-
-
-
--
Xx
द्रव्य प्राप्ति यन्त्र
अति उत्तम व्यापार यन्त्र
___ लक्ष्मी प्राप्ति यन्त्र (जहाँ व्यापार हो वहाँ रखें)
००
१. धनेन्द्रप्रसाद जैन, वाराणसी द्वारा प्रकाशित । २. महावीरकीर्ति स्मृति ग्रन्थ, पृष्ठ १८६ ३. वही, पृ० १६० ४. वही, पृ० १६७
Jain Education International
www.jainelibrary.org
For Private & Personal Use Only