Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 2
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
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संस्कृत, प्राकृत व अपभ्रंश भाषाओं की मूल कृति के अकारादि क्रम से प्रत- पेटाकृति क्रमांक सूची परिशिष्ट-१
(२) उत्तराध्ययनसूत्र-कथा सङ्ग्रह, मागु, गद्य, जै.. (-) ५२१८(*), ६१३३" ३(+$), ७५११, ५५३५ ($)
(२) उपदेशप्रासाद-टबार्थ, मागु., गद्य, मुपू., (-) ८८४(+), ४८३०, ४९५९ (S) उपदेशप्रासाद", सं., पद्य, मृपू., (-) ११०२ - १(क)
(२) उत्तराध्ययनसूत्र- कथा सङ्ग्रह *, सं., पद्य, मुपू., (-) ७३३३'
(२) उपदेशप्रासाद-टवार्थ, मागु, गद्य, मृपू. (-) ११०२-१1) उपदेशमाला, गणि धर्मदास, प्रा., गा. ५४४, पद्य, मूपू., (नमिऊण जिणव) १६०-११) २३९ ८७३१) २७८५११ २९६८)
उत्तराध्ययनसूत्र- कथा सङ्ग्रह, पं. पद्मसागर, सं., ग्रं. ४५००, वि. १६५७, गद्य, ग्रुप (प्रणम्य) ७०५ ५२८ ७८४२ (+), ८७७७७ ७($) ६३६० (5)
(३) उत्तराध्ययनसूत्र- कथासङ्ग्रह का अनुवाद, मागु, गद्य, मृपू.. (प्रणम्य) ४६७८ (5)
(२) उत्तराध्ययनसूत्र-गीत, उपा. राजशील, मागु ३६ गीत, पद्य, मूपू., ( सरसति मति) २८२५
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(२) उत्तराध्ययनसूत्र- विनयादि ३६ अध्ययन सज्झाय, वा. उदयविजय, मागु. ३६ सज्झाय, पद्य, मूपू (पवयणदेवी) २८५-७८ २८५-८५ १३८१ ७०१० ६०३६) (२) उत्तराध्ययनसूत्र-सज्झाय, मु. ब्रह्म, मागु., ३६ सज्झाय, वि. १७वी पद्य भूपू (अमीयसमाजी) १६८९ ५९६३. ५९९९.
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७१२९७३०३
(२) उत्तराध्ययनसूत्र - अध्ययन १६ की सज्झाय, मु. जिनहर्ष, मागु., पद्य, मुपू., ( श्रीनेमिसर) ७५४८-२१ (६) उदयत्रिभद्गी, मु. नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती, प्रा. ३ त्रिभंगी,
गा. ७३, पद्य, दि., (पञ्चणवदोणि) ५४५३-३(+), १६४-३(+#) (२) उदयत्रिभङ्गी-टीका, सं., गद्य, दि., (सङ्गिपञ्चे) १६४-३ (+#) (२) उदयत्रिभङ्गी- यन्त्र, स. मागु, यंत्र, दि.. ( गुणस्थानरच १६४-३००)
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उदायीनृप चरित्र, प्रा., गद्य, जै., (-) ६९०५ (S)
उद्यापन विधि, प्रा. मागु, गद्य, जं., ( प्रथम मुद्द) ६०८४-९१) उपदेशकन्दली, आ. आसड, प्रा. १३ विश्राम, पद्य, मृपु.. (तिहुयणमङ्ग) १६९ (+)
(२) उपदेशकन्दली -वृत्ति, आ. बालचन्द्रसूरि, सं., १३ विश्राम, ६००, गद्य, ग्रुप (यन्त्रापिनास) १६९)
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उपदेशचिन्तामणि, आ. जयशेखरसूरि प्रा. ४ भाग गा. ५४०, पद्य मृपू. (तित्थयरे) ३६४१११ १०२७
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(२) उपदेशचिन्तामणि-स्वोपज्ञ टीका, आ. जयशेखरसूरि, सं.. ग्रं. १२०६४, वि. १४३६, गद्य भूपू (प्राचीमेका) ३६४११ उपदेशतरङ्गिणी, गणि रत्नमन्दिरमणि, सं., [५] तरंग, अं.३३००, पद्य, मूपू., ( श्रीनाभेयः) ३२१५(४)
(२) उपदेशतरङ्गिणी-कथा, सं., गद्य, मुपू., (-) ३२१५(S) उपदेशप्रासाद, आ. लक्ष्मीसूरि, सं., २४स्तंभ, वि. १८४३, प+ग,
मूपू., (स्वस्ति) ८८४(+), ४१८२ (+), ४८३०, ५१६७ (३), ४९५९($) (२) उपदेशप्रासाद-टवार्थ, मागु, गद्य, मृपू., (श्रेयः सम) ४१८३०
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३६४६४०० ४१७०-१०) ४८७२) ७२३५१) ७५७१ ८८१६) ९३०१-१(+), २५२१(+), २८२४(+), ४२७१(+), ५४००(+), ५९८६(+), ७९३७) ३३८२९ १८२०-१०) ५२१६ का ११०३० ३२४८० ६३० ६३२२०४१ ९२६२/०६३ १३९०. १६६९.
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४३९
३२५४, ३३३९, ५२००, ५३४१, ५४९९, ५९३०, ७५०५, ८८६४, ९०२९, ९१७२, ९१८, ३६७९, ३७७७, ५१५६, ९२८६, १२८७, २७८२-शमा ६१९४९मा ८२०४१ ११६५शि
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१३६६-१, ११५० १९९कि ७०० ६३२५१ ६९५३को ७१०३१) ०६१२८१ (२) उपदेशमाला-उपदेशकर्णिका वृत्ति, आ. उदयप्रभसूरि, सं., ग्रं. १२२०४. वि. १२९९. गद्य मृपू. ( अहं तनोत) ७७० (२) उपदेशमाला- टीका, सं., गद्य, गुप्त.. (-) ६७९१ (२) उपदेशमाला-वृत्ति, गणि रामविजय, सं. ग्रं. ७६००, वि. १७८१, गद्य, भूपू., (श्रेयस्कर) २३४) ११०३.०० ३२४८ ३२५४, ५१६६
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(२) उपदेशमाला हेयोपादेया वृत्ति, गणि सिद्धर्षि सं. ग्रं. १५००, वि. १०वी गद्य, मृपू. (हेयोपादेया) १९००) ९२८६ ७६१२० (२) उपदेशमाला- बीजक, प्रा., गद्य, सूपू (नमिऊजिण०१) ४१०-१
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(२) उपदेशमाला - बालावबोध, मागु., गद्य, मूपू., ( नमस्कार कर) ६३०४(१) १६६९. १८३३ ३३३९
(२) उपदेशमाला - बालावबोध, मु. वृद्धिविजय, मागु. वि. १७१३, गद्य, ग्रुपु. ( नमस्कार कर) १६०-१११, ८०२/० २९६८० ३६४६००४८० ९३०१-११) ९२६२/० ५४९९. ३७०७, ७५०५, ६१९४(8)
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(२) उपदेशमाला - बालावबोध आ. सोमसुन्दरसूरि, मागु.. ग्रं. ५९००, वि. १४८५, गद्य, मूपू., (श्रीवर्द्ध) ३६७९ (२) उपदेशमाला-टबार्थ, मागु., गद्य, मूप्पू., (धीरं वीरं ) ५२१६ (+#$) (२) उपदेशमाला- टवार्थ, मागु., गद्य, भूपु (नमिऊण कहीइ) ५४०० (+), ५३४१, ९०२९, ९१८, ७५०५, ६३२१ (8) (२) उपदेशमाला-टबार्थ, मागु., गद्य, मूप्पू., (प्रणम्य ) ३६४६ (+) (२) उपदेशमाला- टवार्थ, आ. ज्ञानविमलसूरि, मागु, वि. १७३२, गद्य, गुपु. ( श्रीमत्पार) ४१७०-११५)
(२) उपदेशमाला-बालावबोध, मु. रत्नचरित्र - शिष्य, मागु., गद्य, मृ.. (स्तुत्वा) १३९०

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