Book Title: Jyotirvignan Shabda Kosh
Author(s): Surkant Jha
Publisher: Chaukhambha Krishnadas Academy
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
५३२
अकारादिशब्दाः
वाडवखग
वाडवानल
वाडवेय
वाढम् = (स्वीकार:)
वाणिज
वाणिज्य
वाणिनी
वाणी
वात
‘वात:’
वातगामिन्
वातगुल्म
वातपुर्
वातपुरी
वातमण्डली
वातरथ
वातसख
वातसारथि
वातसंहति
वातस्कन्ध
वाताख्या
वातापिद्विष्
वातायन
वातायु
वाताली
वाति
'वाति'
वातुल
वातूल
वात्य
वात्या
www.kobatirth.org
ज्योतिर्विज्ञानशब्दकोषः
पृष्ठाङ्काः | अकारादिशब्दाः
५६ वाधुक्य
४०
वान
२३०, १९८
वानर
वानरेन्द्र
२६ वानायु
२४७, १२४ 'वान्ति'
२०५ वापी
४९, १२१ वाम
७, २४४ | वामदृश्
१९६ वामदेव
२२२ वामन
२४५, २४४ वामनजयन्ती
२४४ वामनजयन्तीव्रत
२४४ वामनद्वादशी
२४४ वामनीय
२३८ वामभाग
२३८ वामलोचना
२३८ वालविलोचना
२४४ वामविलोचना
३८ वामशरीर
७५ वामा २०० वामाक्षी
३८ वामी
२६, ४२ वायवी
२४४ वायव्य
२४४ वायव्या
१९६ वायस
२४४ 'वायात्'
२४४ वायाताम्
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
७ वायु २४४ 'वायुः '
For Private and Personal Use Only
पृष्ठाङ्काः
१३६
७
१३५
३५
२४४
१९६
१३०
२५२, २५५
२०५
२२६
२३४, २१५
२२
२२
२०
२१३
११८
२६, २०५
२६
२६
११८
२६
२०५
३५
२३३, २३४
७, १६
२३४
१३७
१९६
१९६
४, ७, १३, ३०, ३४
१९६

Page Navigation
1 ... 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628