________________
RLE
असोडमा पैमानिक हेवो
विशिष्ट मान-मापवाणां ते विमान अथवा विशिष्ट पुएयशाणी खात्माथी ने लोगपाय ते विमान. जा विमानमां रहेनारां देवो ने पैमानिङ हेवो उद्देपाय.
१८०० योग्ननो तिरछसोड पूरो थतां अर्धलोडनी शखात थाय छे. रजा अर्धसोऽमां पैमानिक हेवो रहे छे. ते हेवानां जे प्रकार छे : (१) उस्योपन्न अने (२) उल्यातीत
(१) उस्योपन्न हेवो
: दुल्य = मर्यादा, उपपन्न = युक्त. ने हेवोमां ईन्द्र, सामानिङ, प्रायस्त्रिंशत् आहि नाना-भोरानी मर्यादा छे, नयां स्वामी- सेवङनो लेह छे, तेने 'उल्योयन्न हेव' उपाय छे..
लपनयति, व्यंतर, भ्योतिष खने पैमानिनां १२ हेपलोडमां टुल्य = छन्द्र, सामानिङ, नोडर खाहिनी व्यवस्था होय छे. तेथी, तेमां उत्पन्न थयेसां हेवो एल्पोपन्न हेवाय. तेमनां डुस हु४ इन्द्रो छे. ते नीये प्रमाएो छे:
= २०
(१) लवनयति । इस निजयमां हरेऽमां जे इन्द्र होवाथी (२) प्यंतर जने पाहाप्यंतरना १५ निडायमां हरेऽमां रन्द्रि ★ (3) व्योतिषमां सूर्य खने यंद्रनो १+१
(४) पैमानिक
(b)
ख) पहेला ८ हेवलोड - हरेकमां मां - १० मा हेपलोडनो ११ मा - १२ मा हेपलोडनो ૧
૧
१
= ३२
= र
८
१
=
C
१
डुस इन्द्र = ९४
खा ईन्द्रो तथा त्यांना हेवोनो, प्रलुना नन्म उल्याएाडाहि उभयवानो डल्प खायार छे. तेथी, पाग तेखो 'स्योपन्न 'हेवो' उहेवाय छे.
नोंध : असंख्य द्वीप-समुद्रनां चंद्र-सूर्य असंख्य छे, तेथी तेमनां धेन्द्रो या असंख्य छे. परंतु, नहीं सघना सूर्य घन्द्रनी रोड सने सपना यंद्र र्घन्द्रनी खेडमां न गए।तरी दूरी छे..