Book Title: Jeevvichar
Author(s): J R Shah
Publisher: J R Shah
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तिमा रखेड हार योष्ठनासो पाएीनो लाग-तेरवी हुमणनीनाण होय छे सने पाएगीनी सपाटी उपर रहेj हुमण तेथी अधिः होय छेन तेथी खेड हुभर योल्नथी र्छऽ सधि सेवी तेनी -
याई-नवगाहना हेली छे. सढी द्वीपनी जहार डेटलीड सतास्रो पए। सापड प्रमाणापाणी थाय छे. म सापही पर्तमान दुनिया, रे न शास्त्रोछे पहुंपेक्षा मध्यमोऽनी पय्ये खाषेला मुद्दीपनो खेड महु नानो लागछ,तेमां पा प्रत्येऽ पनस्पतिहाय संबंधी उरलोड सायर्यन विद्यास नेपा मगे छे, तेनी मही नोंप उश्वी उयित गएरो: ta) United States all California yical d2 utgilai gusi सेवां पैसो भणी साप्यां छेडे व्हेनो घेरापो मृणमां पर छूट
खो मने पर झूटनी जंयाऽखे झूट रेटलो छ. डलोईना हरियाई जागभांर झूट यो, पर पहोणो सने
हर वर्षे 40000 झूस मापतो गुवाजनो छोऽ छे custralia मयुडेलिप्टसनांपृक्षो प०० झूट याथाय छे.
तात्पर्य से डे, स्थान-संयोगो सनुसार, छोड, लता, पेस, पृक्षो पोरे धां मोटा धाया छे. पेटले सही में प्रत्येऽ पिनस्पतिडायj उत्कृष्ट प्रभाए। बतायपामां मायुं , तेनाधी हरापहा नपाई पामपा पुंनी.का
सूक्ष्म शरीर गमे तेटलां लेगांरवामां सापे, तो पए खापो ने शातां नधी, श्यारे बार शरीरो समूह प्रभाएमां लेगां थाय त्यारे मापए कई शङीसे छीथे.
जैन शास्त्रोमा एप्प्युं छे , भे मात्र सीमा साभणानी size रेला पृथ्वीडायनां नपा सरसपना आए। टसी डायाउरे तो मेऽ सानोलन-प्रभाए। ठंमुट्ठीपभा सभायनहीं. तेमन, खघडायनां मेड लिंमा रहेला जयो नेडलूतर रेषडी छाया डरे तो ते पएा नंनद्वीपमा समाय नहीं.
गि विष्लेन्द्रिय पोनी उत्कृष्ट अवगाहना :
(a) पर्याप्ता बान्द्रय नवी : १२ याकन ' (२पकार) (b) पर्याप्ता तन्द्रिय न्वा : 3206 (डानम४२१ ५३) (c) પર્યાપ્તા ચઉરિન્દ્રિય જીવો : ૧ યીજન (ભમરા વીરે)

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