Book Title: Jay Mahavira Mahakavya
Author(s): Manekchand Rampuriya
Publisher: Vikas Printer and Publication Bikaner

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Page 142
________________ प्रभु ने देखा, इस बाधा को __ आज तोडना होगा। इसके मन को आत्म-ज्योति से त्वरित तोडना होगा। जिस दिन था निर्वाण, उन्होने उनको पास बुलाया। धीर भाव से गौतम को फिर अपने पास बिठाया। कहा कि गौतम पास गाँव मे ___ अभी तुरत ही जाओ। वहाँ देव शर्मा ब्राह्मण को तुम प्रतिवोध सुनाओ॥ आज्ञापालक गौतम तत्क्षण दूर वहाँ से आए। जाकर ब्राह्मण को फिर गुरु का सब प्रतिबोध सुनाए । -------------------... : - --------............. .... - -..- .......................--- - - -- - - -

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