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६६ | जैन न्याय-शास्त्र : एक परिशीलन
२. अचेतनत्व ४. गति सहायता
२. अचेतनत्व ४. स्थिति सहायता
२. अचेतनत्व ४. अवगाहना-दान
२. अचेतनत्व ४. वर्तना
द्रव्यों के गुण १. धर्मास्तिकाय के चार गुण
१. अरूपित्व
३. अक्रियात्व २. अधर्मास्तिकाय के चार गुण
१. अरूपित्व
२. अक्रियात्व ३. आकाशास्तिकाय के चार गुण
१. अरूपित्व
३. अक्रियात्व ४. काल द्रव्य के चार गुण
१. अरूपित्व
३. अक्रियात्व ५. पुद्गलास्तिकाय के चार गुण
१. रूपित्व
३. सक्रियात्व ६. जीवास्तिकाय के चार गुण
१. ज्ञान
३. चारित्र द्रव्यों के पर्याय : १. धर्मास्तिकाय के चार पर्याय
१. स्कन्ध
३. प्रदेश २. अधर्मास्तिकाय के चार पर्याय
१. स्कन्ध
३. प्रदेश ३. आकाशास्तिकाय के चार पर्याय
१. स्कन्ध ३. प्रदेश
२. अचेतनत्व ४. पूरण-गलन
२. दर्शन ४. वीर्य
२. देश ४. अगुरुलघु
२. देश ४. अगुरुलघु
२. देश ४. अगुरुलघु
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