Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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स्थिति
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
भद्रबाहुस्वामी
गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे.
(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रत प्रकार प्रतिलेखन वर्ष पत्र
: क्लिन/ओरिजिनल
डीवीडी (डीवीडी- परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य
झे.पत्र/झे.पत्र)
कति प्रकार गा.११६३ .
दुविहोवक्कमकालो सामा पद्य १४३२ कागज
वि.१६वी २३......
(२४) गा.११६३ ग्रं.
दुविहोवक्कमकालो सामा: पद्य १४३२ कागज ... वि. १४८६... १८.
(१९). :गा.११६३ग्रं.
दुविहोवक्कमकालो सामा: पद्य
१०४९०
ओघनियुक्ति
जीर्ण भद्रबाहुस्वामी
गाथा-११८४.. (१०.५४४.५)..... गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे.
१०४९१ ओघनियुक्ति
संपूर्ण
गाथा-११६४...(१०.५४४.५.. गाथा-११४० थी ११९० सुधी मळे छे.
भद्रबाहस्वामी
मध्यम
संपूर्ण
: कागज
वि. १४६३. वि.१४३९
(२४)
ज्ञानसागरसूरि
गय
१०४९२ ओघनियुक्ति अवचूर्णि
ओघनियुक्ति-अवचूरि १०४९३ : ओघनियुक्ति अवचूर्णि
| ओघनियुक्ति-अवचूरि १०४९४ दशवैकालिकसूत्र
(१०.२४४.५ द्रोणाचार्यवृत्यानुसारिणी. (१०.५४४.५) द्रोणाचार्यवृत्यानुसारिणी.
श्रेष्ठ
संपर्ण
कागज
ज्ञानसागरसूरि
मध्यम
संपूर्ण
कागज
शय्यम्भवसरि
(१) सयुक्त प+ग
१०४९५ दशवैकालिकसूत्र
संपूर्ण
कागज ग्रं.७००
प्रकान्तीयमावश्यकान वि. १६मी
(80) वि. १४३९ प्रकान्तोयमावश्यकानु गद्य वि. १५मी.
धम्मो मङगलमुक्किट्ठ वि. १७मी १४
धम्मो मङ्गलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग वि.१६मी :३०
धम्मो मङगलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग वि.१५५१. : ૨૨
। (२२) : धम्मो मङगलमुक्किटठ : संयक्त प+ग वि. १६मी
(१५)
(१०.२४४.५)
१०४९६ दशवकालिकसूत्र
कागज
:(39)
श्रेष्ठ शय्यम्भवसूरि जीर्ण शय्यम्भवसूरि जीर्ण :शय्यम्भवसरि
(१०.२४४.५)
संपूर्ण प्रा. संपूर्ण
गं.900
| १०४९७ दशवैकालिकसूत्र...
कागज
१०.२४४.५)
जीण
संपूर्ण
कागज
1(१०)
ग्रन्थान-१५०..(१०.२४४.५)
ग्र.७००
१०४९८ दशवैकालिकसूत्र
षड्जीवनिकायाध्ययनपर्यन्त
दशवकालिकसूत्र १०४९९ : दशवकालिकसूत्र सस्तबक पञ्चपाठ
दशवकालिकसूत्र
दशवैकालिकसूत्र-स्तबक १०५०० उत्तराध्ययनसूत्र
शय्यम्भवसूरि मध्यम
संपर्ण
वि.१६.मी
प्रति उंदरे करडेली छे..(१०.५४४.७)
:शय्यम्भवसरि
ग्र.७00
धम्मो मङ्गलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग
८३) धम्मो मङगलमुक्किट्ठ संयुक्त प+ग
गद्य
(७०) सञ्जोगाविप्पमुक्कस्य संयुक्त प+ग
मारुगर्जर
संपूर्ण
वि. १६मी..
(१०.२४४.५)
सुधर्मास्वामी
प्रा.
अध्याय ३६ ग्रं. २०९५
474

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