Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand

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Page 497
________________ (पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार प्रतिलेखन वर्ष पत्र पूर्णता प्रत प्रकार ग्रंथांकपत नाम (पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी- प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कता भाषा परिमाण रचना वर्ष आदिवाक्य कति प्रकार उक्कित मारुगूर्जर गय । मध्यम संपूर्ण ...वि. १७मी कागज. :गा.७१ :देसिक्कदेसविरओ सम्म: पद्य चतुःशरणप्रकीर्णक-बालावबोध १०५५४ आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक... आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत् ... १०५५५ आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णक बृहत १०५५६ भक्तपरिज्ञा आदि (2.9) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक वीरभद्र जीर्ण संपूर्ण कागज वि.१०मी देसिक्कदेसविरओ सम्म: पद्य वीरभद्र मध्यम वीरभद्र :गा. ७१.. कागज गा. १७२ ग्रं. १७१ वि.१५५४ ।७२ नमिऊण महाइसयंपद्य महाण गाथा-८१...(१०४४.५... गाथा ६० थी ८० सुधी मळे छे. गाथा-६५..(१०x४.७) गाथा ६० थी ८० सुधी मळे छे... पत्र-११ थी २२ नथी..(१०x४.५) (पे.पृ. १-७) पं.वि. : गाथा-१७३. [कृ.वि. : गाथा :१७१ थी १७३ सुधी मळे छे] (पे.पृ. ७-१०) पे.वि. : किञ्चिद् अपूर्ण. [कृ.वि.: गाथा ६० थी ८० सुधी मळे छे] (प.पू. २३-२32.पे.वि... गाथा-१७५. (पे.पृ. २९-४०) पे.वि. : गाथा-३००. [कृ.वि. : गाथा-३०० थी ३११ मळे छे. (पे.पू. ४०-४५) पे.वि. : गाथा-१४४. (प.पू. ४६-४८) (पे.२) आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकवृहत वीरभद्र गा.७१ देसिक्कदेसविरओ सम्म : पद्य (पे.३) चन्द्रवेध्यक प्रकीर्णक (पे.४) देवेन्द्रस्तव प्रकीर्णक गा. १७४ गा.३८० ऋषिपालित (ये.५) महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णक (पे.६) वीरजिनस्तव :गा. १४३ गा. ४३ :जहमत्थगच्छयाणं विगसि पद्य अमरनरवन्दिए पद्य वन्दिऊण. एस करेमि पणामं तित्थ: पद्य नमिऊण जिणं पद्य जयजीवबन्ध आहारे उवहिम्मि अ...... तिहुअणसरारविन्दं पद्य गा.४५ पद्य.. .(.92. अजीवकल्पप्रकीर्णक (पे.८) मरणसमाधि प्रकीर्णक गा.६६१ (प.पू. ४८-७२) (कृ.वि. : गाथा-६५२ थी ६६१ सुधी मळे छे] प्रति एक खुणेथी उंदरे करडेली छे.पत्र १४५मुं डबल छे..(१०x४.५) कागज वि.१०मी २०८ १०५५७ श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र अर्थदीपिकावृत्तिसह श्रावकप्रतिक्रमणसूत्र श्रावकप्रतिक्रमणसत्र-अर्थदीपिकावत्ति :गा.५० वन्दित्तु सच्चसिद्धेपद्य रत्नशेखरसरि गंE४४ वि.१४९६ वि.१६मी १०५५८ स्थानागसूत्र श्रेष्ठ कागज १०६ ग्रन्थान-४७५१. प्रति एक बाजुथी उंदरे घणी ज करडेली छे...(१०x४.५). ग्रं.३३०० सुधर्मास्वामी जीर्ण १०५५९ जाताधमकथाङ्गसत्र संपर्ण वि.१७मी सुयं में आउसं तेणं १३१ :तेर्ण कालेणं तेणं (qox४.७) :सुधर्मास्वामी गं. ५000 480

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