Book Title: Hastlikhit Granthsuchi Part 1
Author(s): Jambuvijay
Publisher: Stambhan Parshwanath Jain Trith Anand
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(पाकाहेम) पाटण कागळ प्रतोनो भंडार
प्रतिलेखन वर्ष पत्र
स्थिति
पूर्णता
प्रत प्रकार
ग्रंथांकपत नाम
(पेटा नंबर). पेटा नाम कृति नाम
क्लिन/ओरिजिनल डीवीडी (डीवीडी-
प्रतविशेष, माप, पंक्ति, अक्षर, प्रतिलेखन स्थल पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष कृति विशेष, पेटांक पृष्ठ, पेटा विशेष
कर्ता
মাখা
परिमाण
रचना वर्ष
आदिवाक्य
कति प्रकार
२२००
१०६४० शालिभद्रचरित्र पद्य
जीर्ण
संपूर्ण
कागज
वि. १५२१
ग्रन्थान-१२२४. प्रति पाणीथी भींजायेली छे., (१०.५४४.५)
श्रीदानधर्मकल्पद्र
पच
शालिभद्रचरित्र-पद्य १०६४१ मलयसुन्दरीचरित्र पद्य
धर्मकुमार मध्यम
ग्रं. १२४२ :कागज
वि. १३३४ : वि. १५मी
संपूर्ण
:२९
प्रति पाणीथी भीजायेली अने एक बाजुथी उंदरे :करडेली छे..(१०.५४४.५)
मलयसुन्दरीचरित्र-ज्ञानरलोपाख्यान
जयतिलकसूरि
अध्याय ४.
चतुरङ्गो जयत्यर्हन
२४30
संपूर्ण
कागज
वि.१४८२
११
(१०.५४४.५)
१०६४४ स्थूलभद्रस्वामिचरित्र पद्य
स्थूलभद्रस्वामिचरित्र १०६४९ । कथासङ्ग्रह गद्य-पद्य
कथासङ्ग्रह गद्य पद्य
जीर्ण जयानन्दसूरि
मध्यम
कागज
............ वि. १६मी.
(१०.२४४.५...
सं.प्रा.
सयुक्त प+ग
१०६५० भयहरस्तोत्र व स्नातस्या-वीरस्तुति
(पे.१) भयहरस्तोत्र
जीर्ण
आ संग्रहमा वल्लभईप्रबन्ध, मदनवर्मप्रबन्ध वगेरे ऐतिहासिक प्रबन्धो पण छे. (१०.२४४.५ (प.पू. १) [कृ.वि. : गाथा २१ थी २४ मळे छे]
अपूर्ण
कागज ............ वि. १६मी .. गा.२३
मानतुङ्गसूरि
पद्य
नमिऊण पणयसुरगणचूडामण स्नातस्या प्रतिमस्य
का.
..
(ये.२स्नातस्या-वीरस्तुति १०६५१ : अजितशान्तिस्तव बालावबोधसहित
अजितशान्तिस्तोत्र
संपूर्ण
कागज
वि.१६मी
८)..
बालचन्द्रसूरि मध्यम नन्दिषेण मेरुसुन्दर
(मे.पू. 22. (१०.२४४.५) गाथा संख्या ३८ थी ४७ सुधी मळे छे.
गा.४०
पद्य गद्य
अजितशान्तिस्तोत्र-बालावबोध
अजियं जियसब्वभयं अजिय० अजितनाथ बीजस
मारुगूर्जर
भक्तामरस्तोत्र सटीक त्रिपाठ
संपर्ण
कागज
। वि.१७मी
११-१(१)-१० भक्तामरप्रणतमीलिमणि
पत्र ४) नथी., (१०x४.५)......... अमुक प्रतोमा ४८ काव्य पण छे.
भक्तामरस्तोत्र
मानतुड़गसुरि
का.४४
पद्य
भक्तामरस्तोत्र-टीका
गणसन्दर
भक्तामरस्तोत्र वालावबोधसहित
मध्यम
संपर्ण
..
वि.१७मी
१३ भक्तामरप्रणतमीलिमणि :पद्य
(१०.५४४.५). अमुक प्रतोमा ४८ काव्य पण छे.
भक्तामरस्तोत्र
मानतुगसुरि
का.४४
भक्तामरस्तोत्र-बालावबोध :१०६५४ कल्याणमन्दिरस्तोत्र
वि.१७मी
जीर्णप्राय १०x४.२०
: सिद्धसेन दिवाकर
का.४४
कल्याणमन्दिरमुदारमव : पद्य
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