Book Title: Gnatadharmkathanga Sutram Part 03
Author(s): Kanahaiyalalji Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 797
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७७८ धर्मका 6 , चासीत् । तत्र खलु आमलकल्पाय कालो नाम गाथापतिरासीत् कीदृश: ? इत्याहअड्डे ' आ:- धनधान्यादि समृद्धि - समृद्धः, ' जाव ' यात्रत् ' अपरिभूए ' अपरिभूतः = बहुजनैरपि परामवितुमशक्यः । तस्य खलु कालस्य गाथापतेः कालश्रीर्नाम भार्याssसीत् कीदृशीत्याह - सुकुमारपाणिपादा यात्रत् सुरूपा । तस्य खलु कालस्य गाथापतेर्दुहिता कालश्रियः भार्याया आत्मजा काली नाम दारिका = पुत्री आसीत् । सा कीदृशी ? त्याह-' बुड्ढा वृद्धा बहुवयस्कत्वात्, वृद्धकुमारी = अपरिणीतत्वात्, ' जुण्णा ' जीर्णा=जीर्णशरीरत्वात्, 'जुण्णकुमारी' जीर्णकुमारी - अपरिणीतावस्थायामेव संजातजीर्णशरीरत्वात्, 'पडियपूयत्थणी ' } राया तत्थ णं आमलकप्पाए नयरीए काले नामं गाहावई होत्था, अड्डे जाव अपरिभूए) वे कहते हैं-गौतम सुनो- तुम्हारे प्रश्नों का उत्तर इस प्रकार है- उस काल और उस समय में इसी जंबूद्रीप नामके द्वीप में भारतवर्ष में आमलकल्पा नामकी नगरी थी। नगरीका वर्णन करनेवाला पाठ यहाँ पर औपपातिक सूत्र से योजित कर लेना चाहिये। उस नगरी में उद्यान था जिसका नाम आम्रशालावन था। इस नगरी के राजा का नाम जितशत्रु था। इस आमलकल्पा नगरी में काल नाम का गाथापति रहता था । यह धन धान्यादिसे विशेष समृद्ध था और लोगों में भी इस की अच्छी प्रतिष्ठा थी । ( तस्स णं कालस्स गाहावइस्स कालसिरी णामं भारिया होत्था, सुकुमाल जाव सुरूवा, तस्स णं कालस्त गाहावइस्स धूया कालसिरीए भारियाए अन्तया काली णामं दारिया होत्या बुड्ढा घुडूकुमारी, जुण्णो जुण्णकुमारी, पडियप्रयत्थणी णिविन्नवरा वरपरिवतत्थणं आमलकप्पाए नयरीए काले नाम गाहावई होत्था अड्डे जाव अपरिभूए) તેઓ કહે છે કે હું ગૌતમ! સાંભળે, તમારા પ્રશ્નોના ઉત્તર આ પ્રમાણે છે કે તે કાળે અને તે સમયે આ જખૂદ્રીપ નામના દ્વીપમાં ભારત વર્ષમાં આમલકલ્પા નામની નગરી હતી. નગરીના વન વિષેને પાડે અહીં ઔપપાતિક સૂત્ર વડે જાણી લેવા જોઇએ તે નગરીમાં એક ઉદ્યાન હતુ. તેનું નામ આમ્રશાલ વન હતું. તે નગરીના રાજાનું નામ જીતશત્રુ હતું. તે આમલકલ્પા નગરીમાં કાલા નામે ગાથાપતિ રહેતા હતા. તે ધનધાન્ય વગેરેથી સવિશેષ સમૃદ્ધ હતા અને સમાજમાં તેની સારી એવી પ્રતિષ્ઠા હતી. ( तस्स णं कालस्स गादावइस्स कालसिरीणामं भारिया होत्था, सुकुमाल जाव सुरूवा, तस्स णं कालस्स गाहावइरूस धूया कालसिरीए भारियाए अत्तया काली नामं दारिया होत्या बुडा बुडूकुमारी, जुष्णा जुण्ण कुमारी, पडियपूयस्थणी For Private and Personal Use Only

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