Book Title: Dipalika Kalpa Sangraha
Author(s): Chandanbalashreeji
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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७८
६९
८०
परिशिष्टम् [७] विशेषनाम्नामकाराद्यनुक्रमः ॥]
[२२७ पुंडवद्धण [ देस]
[म] पुण्ण [राया]
७३ मगदण [कक्किपिया] पुण्णपाल [ राया ] ७०, ७४, १२५ मग्गसिर [मास]
६९, १२४ पुप्फुत्तर [ विमाण]
मज्झ [ देस] पुहवीपुरी [नयरी ]
| मज्झिमपावा [पुरी] ७०, ८६, १२५ पूसमित्त [आयरिय]
१३० मयणावली [ महापउमरणी] पूसमित्त [ राया]
७७ मल्ल [ भाविएगवीसतित्थयर] ८२, १३६ पेढाल [भाविअट्ठमतित्थयर] ८२, १३६
मल्लई [गण] पोट्टिल [ ]
महमह [विण्हू] पोट्टिल [भाविनवमतित्थयर]
महसेण । [वण]
७०, ८६ [फ]
महासेण फग्गुसिरी [अज्जा]
महागिरी [ सूरी]
१३० [ब]
महानिसीहं [ आगम] बप्पभट्ट [ मुणी]
महापउम [ जालापुत्त] ८४, ८५, ८६ बल [भाविवासुदेव]
महापउम [भाविचक्कवट्टी ] ८२, १३६
महाबल [भाविवासुदेव] ८२, १३६ बलदेव [ ]
महाबाहू [भाविवासुदेव] ८२, १३६ बलमित्त [ राया]
महावीर [जिणेसर]
६९, ८६ बली [भाविपडिवासुदेव]
महुरा [नयरी] बहल [विप्प]
७०
माहणकुंड [नयर] [भ]
मिहिला [ पुरी] भद्दकर [भाविचउवीसइमतित्थयर] ८
मुणिसुव्वअ [ भाविएगारसमतित्थयर] ८२, भद्दबाहू [आयरिय] १२८, १३० भद्दा [ देवी]
८१, १३६
मुणिसुव्वय [जिणेसर] भद्दिआ [पुरी]
मेरु [ पव्वय]
६९, ८५, १३८ भरह [खेत्त]
७९, १३५
मेहघोस [जियसत्तुपुत्त] भरहट्ठ [ खित्त]
१३०
मोरियवंस [राया] भाइबीया [पव्व]
८४
[र] भाणुमित्त [ राया]
७७ राम [बलदेव] भारह [वास]
७२, ७७, ८०, रायगिह [नयरी]
१२९, १३० | रुद्द [कक्किअपरनाम] भीम [पंडव]
७६, ७७ रेवई [ ] भीम [ भाविपडिवासुदेव] ८२, १३७ | रोहिणी [ ]
१३६
७०
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