Book Title: Digvijaya Mahakavya
Author(s): Meghvijay, Ambalal P Shah
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 182
________________ दिग्विजयमहाकाव्यम्-परिशिष्टम् । १४३ २८,२९ १३८ १३८ १४० १४१ १३४ जालोर [ दुर्ग] १३७ / पद्मसागरगणि १३६ मानतुङ्ग [ सूरि] जीर्णदुर्ग [ तीर्थ १४१ | परमार [जाति] १३९ मानदेव [ सूरि] जीव [श्रावक] ५. प्रद्युम्नसूरि २९ मीरमोज [ नृप] जीवा [जीव] ४४,४६ प्रद्योतनसूरि २८ मुनिचन्द्रसूरि ज्ञात [ वंश २० पंन्यास [पद] मुनिसुन्दरसूरि झाला [ जाति] प्रभव [गणधर] मेघ [प्रन्थकार] ४१,८३,१४१ ठक्कर [गोत्र] ६ प्रभास [नगर] | मेडता [नगर] १३७,१३८,१३९ तपगच्छ १४१ प्रयाग [ तीर्थ ] मेदपाट [देश] ३२,१३८,१३९,१४१ तपागच्छ १३७,१४० पातिसाहि [जहांगीर] मेदिनीपुर-री [नगरी] तपगण ३०,३२,४४,९३ पातिसाहिपुर [आगरा] | मेरु [पर्वत] १५ तिलिङ्ग [देश] ३४,१३८ पातिसाहिसदन मेवात [ देश] १३८,१४१ तैला [भट] | पापापू: [अपापापू:] १३० यदुकुल [वंश] १२९,१३० दक्ष [जाति] पीछोला [तटाक] यमुना [नदी] १०९,१११ दक्षिण [ देश] फिरङ्गीपातिसाहि यशोदेवसूरि दक्षिणामण्डल [ , ] ३६,१३८,१३९ बर्हानपुर [नगर] ३४,१३८ यशोभद्रसूरि २०,२९ दशास्यपुरी [ नगरी] ९७,१०० बल [भद्र ] योगशास्त्र [ग्रन्थ] दिगविजय [ काव्य] बाहुबली ११० योधपुर [ नगर] दिशसूरि बुन्दी [नगर] द्वीप [नगर] १३० रणमल्लचोकी ३७,१३७,१४१ भद्रबाहु [पूर्वधर] २८ देवकुरु [क्षेत्र] रत्न [ श्रावक] १४० भरत [क्षेत्र] १४,१५,१६,९०,११८, देवचन्द्र [श्रावक] ३४,३५,१३६,१३८ रत्नशेखरसूरि देवसुन्दरसूरि १२६,१२७,१२९ रत्नसानु [पर्वत] १२ देवसूरि भरत [चक्रवर्ती] २९,३५ १९,११० रम्यक् [क्षेत्र] देवानन्द [सूरि] भणशाली [गोत्र] १३६,१४१ रविप्रभसूरि देवानन्द [ काव्य] भाग्यपुरी [नगर] राठौड [वंश] देवेन्द्रसूरि भाग्यनगर [भाग्यपुरी] राजगृह [नगरी] ७,१३० धनजी [श्रावक] १४०,१४१ भानुमती [श्राविका] राजधान्य [नगर] धनाइ [श्राविका] भूपण [आचार्य] १३४ राजनगर [ अहमदावाद] १३५,१३६, धर्मघोषसूरि | भोटा [श्रावक] १३८,१४० धाना [क्षेत्रपाल ] १३९ मचिन्द [ दुर्ग] राजिआ [श्रावक] १३५ नटीपद्र [नगर ] मणिरत्नसूरि राणपुर [ तीर्थ ] १३५ नरसिंहसूरि मण्डपाचल [ तीर्थ ] १३६,१३९ रायचन्द्र [श्रावक ] १३६,१४१ नर्मदा [नदी] १०२ मथुरा [ नगरी] १३३ रायचन्द्र [महामात्य] १३८ नवादा [नगर] | मनी [श्राविका] रुक्मि [पर्वत] नवानगर मनोहरपुर [ नगर] १३९ रूपसिंह [नृप] १३८ नवीनपुर १३९ मरु [ देश] ३२,५६,५८,१३५,१३८, रूप्याद्रि [पर्वत] नारदपुरी [ नगरी] १३९,१४१ रूपा [श्राविका] नारायणपुर [ नगर] ५६ मलय [पर्वत] ९८,१०२ रूप्यादि [पर्वत] नाहीपुर-ग्राम ४६,१३७ मल्ल [श्रावक ] । रैवत-क [1] १२६,१३०,१३७ निषध [पर्वत] ११ महातपा [बिरुद १३५,१३६ लक्ष्मीसागरसूरि नील [ ] ११ महेशदास [श्रावक] लघुहिमाद्रि नैषधीय [ काव्य] १३९ माघसमस्या [ग्रन्थ ] लहुया [श्रावक] पण्डित [पद] १३८ माणिक्यस्वामी [ तीर्थ ] १३८ लङ्कापुरी पत्तन, पट्टण [नगर ] ४१,११६,१२२, मालव [ देश] १४१ लाक्षा [नृप] १३७ १३३,१३५,१३६,१३८,१४० माल्यपुर [नगर] ५६,१३८ लाभपुरी २९ س ४. س س १३० १३४ . . GSW GEMEW . MC १३८ । ३१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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