Book Title: Digvijaya Mahakavya
Author(s): Meghvijay, Ambalal P Shah
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 183
________________ १४ १३५ सुमेरु ૨૮ ५२ ५२ V V १३६ rur १४४ महोपाध्यायमेघविजयगणिकृतं लाट [देश] १३९ वीरसूरि २८ | सुधर्मा [गणधर] २८,१३२,१३३ लाडोलि [प्राम] १३५ वृद्धदेवसूरि २० सुनन्दा लाभपुर [नगर] १३४,१३५ वृद्धोपकेश [शाखा] १३४,३३६,१३९ सुप्रबु(प्रतिबद्ध [सूरि] २८ लुम्पाक [पक्ष] १३७ | वैतात्य [पर्वत] सुमतिसूरि वज्र १३२ वैभार [ ] सुमङ्गला ११० वज्रसूरि | शकन्दरपुर [ नगर] ८,९,११ वज्रसेन शलेश्वर [ तीर्थ ] ४०,४३,७०,७१,८०,८४ सुराष्ट्रा। देश ३२,३३,३५,१३५, वजीआ [श्रावक] १३५ शत्रुञ्जय [तीर्थ ] १२६,१३५,१३९,१४१ १३७,१३९,१४१ वन्ध्यनगर शय्यम्भवसूरि सुवर्णशैल [तीर्थ] वरकाणक [तीर्थ] १३७ शालिभद्र सुवर्णाचल [ सुवर्णशैल] १३० वर्द्धमान [श्रावक] १४०,१४१ शिखरी [पर्वत] सुस्थित [सूरि] वल्लभ [ उपाध्याय ] शिवपुरी [ सीरोही] सूरतिबन्दिर [नगर] १३४,१३७,१४० ६७,७१,१४१ वागडभूपति सूरा [श्रावक] १३५,१४० शिवपू: [ ] वागडमण्डल सूर्यसूता [यमुना] शीता [नदी] वाणारसी [तीर्थ] श्रीवन्ती [ श्राविका] सोम [श्रावक] वारुणपुर [नगर] श्रेयांस सोमजी [ , ] १३६ १११ विक्रमभूपति सङ्ग्रामसाधु सोमतिलकसूरि बिक्रमसूरि २९ सङ्ग्रामपुर सोमप्रभसूरि विजयदानसूरि समुद्रसूरि सोमसुन्दरसूरि ३० विजयदेवमाहात्म्य [ काव्य] १३६ | सम्भूति विजय सौवर्णगिरि [ तीर्थ] २८ विजयदेवसूरि ३१,१३५,१३६, सम्मेततीर्थ-गिरि १२२,१२५,१३० स्तम्भतीर्थ १३४,१३५,१३६,१३७, १३९,१४०,१४१ १३८,१४० सरस्वती [ नदी] १८,१११,११२ विजयप्रभसूरि, ३५,३७,१३९,१४०, सर्वदेवसूरि-प्रथम स्थूलभद्र [सूरि] २८,१३२ विजयप्पह १४१ स्मयहृतिपुर ४३ विजयप्रशस्तिकाव्य [ग्रंथ] सवाइ हीरविजयसूरि स्वर्णगिरि १३७,१३८ विजयरत्नसूरि सहजू [श्रावक] हनुमन्नाटक [प्रन्थ] विजयसिंहसूरि सागर [गच्छ ] १३७,१३८ २९,३२,३३,१३७, हरिवर्ष [ क्षेत्र] १३८,१३९ सादडी [प्राम] हल्लार [देश] १३५,१३७,१३९,१४१ विजयसेनसूरि ३१,३६,१३४,१३५,१३६ सान्धिरा [श्राविक] हिमगिरि ९८,१०२ विदेहवर्ष [क्षेत्र] साप्तच्छदिकपुर [ सादडी] हिमवान् [ हिमगिरि ] १४,९६ विद्यापुर [वीजापुर] साबली [ग्राम] हिमशैल [ ] ९८ विद्याविजय सामन्तभद्र [सूरि] हिमाद्रि [ , ] १२६ विबुधप्रभसूरि साहिबदे-देवी [श्राविका] १३४,१४० हीरगुरु [ सूरि] विमलगिरि [ तीर्थ ] ३३,३८ सिद्धाचल [तीर्थ ] १३५,१३७ हीरविजयसूरि ३०,३६,१३४,१३५ विमलशिखरी [,] ३९ सिन्धु [नदी] १४ हीरसौभाग्य [ काव्य] विमलचन्द्रसूरि २९ | सिवगण [श्रावक] १३९ हीरानन्द [ श्रावक] विश्वल [नगर] १३५ सिंहगिरि [सूरि ] | हेमराज [ संघपति] विहार [नगरी] १२२,१२४ सीरोही [नगर ] १३७ हेमविमलसूरि बीजापुर [ नगर] १३७,१३८ सुक्तावली [ग्रन्थ ] १३४ | हैमन्त [क्षेत्र] वीरविजय [विजयप्रभसूरि३५,१३४,१४०/ सुगुण [ मन्त्री] १३८ हैरण्यक [, ] १३७ ५८ 9 ur MNS M" 5 . १३६ १३८ . 0 32 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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