Book Title: Dandak Tatha Laghu Sangrahani
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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पनरस्स ॥ सहिं च अंगूलाई, जंबुद्दीवस्स गणियपय॥१०॥
गाथा १० मीना छुटा शब्दना अर्थ. गाउअमेग-एक गाउ. च-वली. पनरस धणुसया-पंदरसें धनुष्य. सर्हि अंगुलाई-साठ अंगुल. तह-तेमज.
|जंबूद्दीवस्स-जंबूद्वीपy. धणि पनरस्स-पंदर धनुष्य. गणियपयं-गणितपद.
विस्तारार्थः-(गानअमेगं के०) गव्यूतमेकं, एटले एक गाउ अने (पनरस धणुसया के०) पंचदश धनुशतानि, एटले पंदरसें धनुष्य (तह के ) तथा. एटले तेमज वली (धण्णि पनरस्स के० ) धनुषि पंचदश, एटले पंदर धनुष्य (च के० ) वली (सहिं अंगुलाई के०) षष्ठिरंगुलानि, एटले साठ अंगुल एटले ( ५६ ए४ १५०) योजन एक गाउ अने ( १५१५) धनुष्य उपर साठ अंगुल, एटर्बु (जंबूद्दीवस्स के०) जंबूहीपस्य, एटले जंबूद्वीपर्नु (गणियपयं के० ) गणितपदं, एटले गणितपद जाणवू. ते आआगळ बताव्या प्रमाणे थाय. ए योजन प्रमाणनुं बीजं द्वार कहे जे.

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