Book Title: Chatvara Karmgranth
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ भगवतीसूत्र शतक उद्देश. शास्त्रवार्तासमुच्चय स्तबक श्लोक. श्रावकप्रज्ञप्ति गाथा. श० उ० शास्त्र० स्त० श्लो० श्रावकप्र० गा० । श्राव० प्र० गा० सि० सिद्धहेम०, समु० प० सिद्धहेमशब्दानुशासन. प्रज्ञापनासूत्रोपाङ्ग समुद्धात पद. मुद्रित थया पछी जडी आवेल प्रमाणोना स्थानदर्शक संकेतो। शास्त्र० स्त० श्लो० ९० पत्र. २ पति ९ शास्त्र० स्त० श्लो० ९१ पत्र. २ पति २७ वृ० सं० गा० ३४९ पत्र. ११३ पति २१ पच्चसं० ल० वृ० ५०३२ पत्र. ११९ पति २ भ० श० उ० ५० ३४५ पत्र. ११९ पनि २१ विशेषा० गा० ३००० पत्र. १२३ पति २२ पत्र १० पति २४ मां गाथा अङ्क ८५ ने बदले ८५५ समजवो. प्रमाण तरीके उद्धरेल प्रमाणग्रन्थोनी स्थानदर्शक सूची। अनुयोगद्वारचूर्णी रतलाम श्रीऋषभदेवजी केसरीमलजी जैनश्वेताम्बर संस्था. अनुयोगद्वारमलयगिरीया टीका शेठ देवचंद लालभाई जैनपुस्तकोद्धारफण्ड प्रकाशित.. अनुयोगद्वारहारिभद्री टीका रतलाम श्रीऋषभदेवजी केसरीमलजी जैनश्वेताम्बर संस्था. आचाराङ्गसूत्रटीका आगमोदय समिति प्रकाशित. आवश्यकचूर्णी रतलाम श्रीऋषभदेवजी केसरीमलजी जैनश्वेताम्बर संस्था. आवश्यक हारिभद्री टीका आगमोदय समिति प्रकाशित. आवश्यकनियुक्ति आगमोदय समिति प्रकाशित हारिभद्री टीकागत. आवश्यकसङ्घहणी आगमोदय समिति प्रकाशित हारिभद्री टीकागत. उपदेशमाला श्रीजैनधर्मप्रसारकसभा प्रकाशित. कर्मप्रकृति रतलाम श्रीऋषभदेवजी केसरीमलजी जैनश्वेताम्बर संस्था प्रकाशित पञ्चाशकादि दशशास्त्रीयगत. कर्मस्तव श्रीजैन-आत्मानंद सभा प्रकाशित नव्यकर्मग्रन्थचतुष्कगत.

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 289