Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan

View full book text
Previous | Next

Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रकरण...त्रीजें -: ओळखाण : पुणिमाना एक प्रकाशे धरती खोली उठे छे... सागर तरंगीत बने छ। तेम श्री सीमंधर स्वामीना ध्याने भावना हैया डोली उठे छ। पूज्यनी सेवा करता पूजक पूज्य बने छ भमरीना ध्यानथी इलीका भमरीपद प्राप्त करे छ। राजसेवक राजसेवा करता एक दिन राजपद पर चढे छ। तेम भक्ति करता भक्त भावनामय बनता भगवान पासे पहीची जाय अने कर्मनो कच्चरघाण करी दे छ। आत्मानी साध्यदशाने प्राप्त करावनार एवा श्री सीमंधर प्रभुने हे. दुजना चांद...मारी खुब खुब वंदना कहेजे... प्रभु श्री सीमंधर स्वामी महाविदेह क्षेत्रमा बिराजमा न छ। जंबुद्विपनी चारे तरफ पाणीना तरंगो उछालतो लवण ससुद्र छ । नगरकोट भयथी रक्षण अने शोभानुं कारण छे, तेम जंबुद्वीपनी वेदिका अने वनखंडो एक दिव्य शोभा छ, अने रक्षक छ । बराबर मध्यमां मध्यबिदु समान सर्वश्रेष्ठ, सर्व पर्वतोना राजा मेरुपर्वत छ। हे! चंदा, तेम जेनी आजुबाजु प्रदक्षिणा फरी दिनरात ओवारणा करी समय वितावो छो ते... For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93