Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
View full book text ________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख : 65 (264) 5. वीर संवत 2510 तमे वर्षे विक्रम संवत 2040 तमे वर्षे चैत्र कृष्ण पंचमी दिने शुक्रवासरे प्रातःकाले तपागच्छीय सिध्धांत महोदधि स्वः आचार्य श्रीविजयप्रभसूरीश्वराणां पुण्यप्रभावक श्रीविजयकलापूर्ण सा. गरिण श्रीहेमचन्द्र विजयादिभिः प्रतिष्ठितं श्रीगिरनार तीर्थ सहस्राम्रवने श्रीसमवसरणमंदिरे श्रीसहषावन कल्याणभूमि तिर्थोधार समिति करितां जनरालाकां विधिप्रतिष्ठामहोत्सवे कारापितं श्रीचोबीसी शांतिजिनबिंबमिदं राजस्थान समदड़ीग्रामस्य संप्रति महेसाणावास्तव्य मुलतानमलजी पुत्र रूपचन्द-सपरिवारेण / समदड़ी दादोवाड़ी लेख (265) 6. धातु मूत्ति लेख भाषा गुजराती:-- शीव (मूबई) उपनगरे वी. सं. 2465 जे. शु. 5 दिने समदडी (मारवाड़) नि. बी. प्रो. कंकुगोत्रीय स्व; श्रीदयारामजी सुपुत्री मुल्तानमलजी तथा मुकनचंदजी सुपत्नी समादेवी सुपुत्र नरपतलाले श्रीवासुपुज्यस्वामी-पंच तीर्थी भराव्यां / तपा. प्रा. श्रीकैलाशसागरसूरीश्रे प्रतिष्ठित कर्या छ / - (266) 7. दादा जिनदत्त सूरि जी:-- वि. सं. 2024 का वैशाख शुक्ला 6 को शा. गणेशमल पुखराज ... श्रीजिनदत्तसूरि की मूत्ति भरवाई प्राचार्य श्रीप्रेमसूरिजी मुनियोन जिनप्रभविजयजी प्रतिष्ठा करापितं // (267) 8. सिद्ध-चक्र-यन्त्र लेख:--.. ॥सं. 2036 माघ सुद 14 गुरु पुष्य योगे श्री सिद्धचक्रयन्त्रलुणावत समदड़ी वा. शाह सानीत पुत्र प्रतापमल करापितम मेवानगरस्य नाकोड़ा तीर्थ श्रीसंघेन श्रीहिमाचलसूरिभिः।। . . (268) 6. श्याम पाषाण प्रतिमा श्री ऋषभदेवजी लेखः संवत 1775 वर्षे मिति वैसाख सुदि 3 श्रीरीषबदेवजीबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीपूजजी श्रीरघोसीघजी।
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