Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 102
________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख पृष्ठ भाग लेख : // 60 / / संवत.१५०४ वर्षे वैशाख सुदि 7 बुधे श्रीखेड़भूम्यां / / श्री. महेवास्थाने / श्रीप्रोसवंशे-महं लखमा पुत्र महं. वयरा पुत्र महं' तील्हा भार्या गोइणि पुत्र 4 सं. राजसिंह मह. नरा महं ठाकुरसी -महं नरा भार्या पेमलदेव्या पुत्र महं. कुन्तपाल भार्या कश्मीरदे पुत्र महं गुणदत्त .. . महं श्री कुन्तपालेन प्रात्मपूण्यार्थे कारिता / / प्रतिष्ठितां श्रीपल्लिकीयगच्छे श्रीनन्नाचार्यसन्ताने। . . : . -श्रीशांतिसूरि तत्पट्ट श्रीयशोदेवसूरि // श्रीनन्नसूरि श्री उद्योतनः सूरि ...... पट्टालंकारश्रीशांतिसूरि तत्पट्टे पूज्य श्रीयशोदेवसूरिभिः प्रतिष्ठितम / सुभ भवतु ....... - महं चोला सुखा। श्रीरस्तु ...... ....सूत्र महं रामदो सुखाः समस्तदोषास्तु समाप्तं ....... . (376) 2. शान्तिनाथ अग्रभाग-शान्ति देवदत्त:-- पृष्ठ भाग सं- 1513 वर्षे माघ मासे... ... मा. प्रीमलदे पुत्र सा. देवदत्तेन भा. दे... ...माई पुत्रो-पुत्र-सकुटुम्ब ......तपा. श्रीसोमसुन्दरसूरि-शिष्य श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः / / (377) 3. महावीरःश्रीमहावीर बिंब श्रीछाजहड़ गोत्रे शुभं भवतु / / (378) 4. आदिनाथ मूलनायक:-- - स. 1661 रा माघ सुद 13 दिने आदिनाथबिंब कारापितं श्रीसंघेन पू. जगद्गुरुदेव श्रीमदविजयही रसूरीश्वरजी के सन्तानीय / अनुयोगाचार्य श्रीहितविजयजी म. के प. पं. श्रीहिम्मतविजयेन श्रीमेवानगरे।। . (376) .5: वेदी पर शिलालेख :-. . श्रीचिन्तामणि पार्श्वनाथपंचतीर्थमन्दिरं श्रीनाकोड़ा पार्श्वनाथ प्रत्यक्षाधिष्ठायकस्य चरणकमले किंचितभक्तेन सप्रणतिपुरशरं समर्पित प्रतिष्ठापितं मेवानगरस्थ नाकोड़ातीर्थे श्रीसंघेन, प्रतिष्ठितं विजयहिमाचलसूरिभिः संवत 2016 वर्षे 6200 रूप्यका.नि देवालय निमितं //

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