Book Title: Azzattatattaloao
Author(s): Nyayavijay
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ मंगल-तवो नमो मे अरिहंताणं, सिद्धाणाऽऽयरिआण य। उषज्झायाण, साहूणं लोए सव्वाण भत्तिओ! ॥१॥ . णाणं जस्स अणंतदंसिसमयंभोरासिमंथायलो खंती जस्स अणप्पकोवणजणकोहग्गिधाराघरो। जोई जस्स पुणाइ बंभमइओ भूमंडलुजोअगो विस्सम्मशिअ-संजमो विजयए सोधम्मसूरीसरो॥२॥ वंदे अप्पडिमप्पहावविहवा विस्सोवयारम्बया दुईतप्पडिवाइकोविअमणस्संबोहणप्पञ्चला। बेरगामयवासणणसमिअप्पोदाममोहाणला सम्वत्यादि गुणायरव्वसणिणो ते धम्ममूरीसरा ॥३॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 440