Book Title: Arya Shatak
Author(s): Mudgalacharya
Publisher: 

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Page 22
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir इदानीमनन्यसरकंकरुणावचनानिजल्पतंत्वयाऽविगणितंमालोका उपहंसतीत्याशयेनाह जल्पंनमिति जल्पंतंवारंवारंकरुणावचास्युदीरयंतमल्पबुद्धिमज्ञमांत्वत्लपामपश्यंतामयित्वल पापांगमपश्यनालोकास्थूलबुद्दयउपहसनिउपहासंकुचीतमांपश्यंतम्सनःहेशोकारेरामशोका-|| जल्पंतमल्पबुद्धिपश्यंतस्त्वरूपामपश्यंतः॥मामुप हसंतिलोकाःशोकारेरामतत्तवाश्लाथ्यम् // 26 // पहरणसमर्थरामचंद्रनत्तवसाध्यंयोग्यंनभवतिशीघ्रमेवस्वकीयेरुपाकर्तव्येतिभावः॥२६॥ || इदानीमयंदाभिकोभवतीतिश्रीरामोनुयहमेतदुपरिनकरोनातिलोकःशंकतेइत्याशयेनाह क्षी रेणेति क्षीरेणदग्घजिहाउष्णक्षीरेणज्वलिनजिव्हापामरजनःशीनलंनकमपिफूलत्यपिपति For Private And Personal Use Only

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