SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 198
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ निरक्त कोश १६७ जो बालक का धारण/पोषण करती है, वह धात्री/धाय बच्चों के दुग्धपान आदि के लिए जिसे रखा जाता है, वह धात्री है। बालक जिसका स्तन-पान करते हैं, वह धात्री है। ८६८. धारणा (धारणा) अवगतार्थविशेषधरणं धारणा । (स्थाटी प २७३) ___ अवगत अर्थ को विशेषरूप से धारण करना धारणा/मति ज्ञान का एक भेद है। ८६६. धिक्कार (धिक्कार) धिगधिक्षेपार्थ एव तस्य करणं-उच्चारणं धिक्कार।। (स्थाटी प ३८२) तिरस्कार को दिखाने के लिए 'धिग्' शब्द का उच्चारण करना धिक्कार है। ८७०. धीर (धीर) धोः बुद्धिः सा जस्स अत्थि सो धीरो।' (दअचू पृ १७६) धीः बुद्धिः इत:-परिगतः तया इति धीरः। (उचू पृ ३५) जो धी/बुद्धिसम्पन्न है, वह धीर है। धी:-बुद्धिस्तया राजन्त इति धीराः। (आवचू २ पृ २५४) जो धी/बुद्धि से राजित/सुशोभित होता है, वह धीर है । बुड्यादीन् गुणान् दधातो धीरः। (सूचू १ पृ २१) जो बुद्धि आदि गुणों को धारण करता है, वह धीर है। ८७१. धुत (धुत) जो विहुणइ कम्माई 'धुयं तं वियाणाहि। (आनि २५२) १. धियमीरयतीति धीरः । (अचि पृ ८०) २. 'धीर' का अन्य निरुक्त-धियं रातीति धीरः। (वा पृ ३८६६) जो धी/विवेक देता है, वह धीर है । (रांक्-दाने) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016101
Book TitleNirukta Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy